नई दिल्ली, 17 सितंबर : अनिरुद्ध खेतान खुशी के कोषाध्यक्ष के रूप में 3 साल सेवा देने के बाद सर्वसम्मति से बोर्ड और वरिष्ठ नेतृत्व टीम द्वारा (गैर-सरकारी संगठन) एनजीओ - खुशी के अध्यक्ष चुने गए हैं. महान भारतीय क्रिकेटर कपिल देव ने 2003 में खुशी की स्थापना की थी. यह संस्था शिक्षा के माध्यम से बच्चों की जिन्दगी बदलने में विश्वास रखती है. खुशी बच्चों के सर्वांगीण विकास पर केंद्रित है. इसका सर्वप्रथम प्रोजेक्ट - 'द नीमराना प्रोजेक्ट' - जन-जन से जुड़ने में सफल रहा. इसके तहत गांव और शहर के 4,80,000 लोगों से संपर्क कर उनकी निगरानी और आकलन किया गया.
आज खुशी के लगभग 50,306 लाभार्थी हैं जो इसके शिक्षांत्र प्लस प्रोग्राम के माध्यम से पूरे भारत के 12 राज्यों के तहत 48 स्कूलों और 12 शिक्षण केंद्रों में मौजूद हैं. बच्चों के सही मानसिक विकास के लिए एक 'मनोशक्ति विंग' और जीवन कौशल के विकास के लिए एक 'शिक्षा और विकास प्रभाग' है जो खुशी के 43 प्लस कॉर्पोरेट भागीदारों के समर्थन से कार्यरत हैं. कॉपोर्रेट जगत का लंबे समय से जुड़ाव और समर्थन खुशी की विश्वसनीयता और प्रभाव के बारे में बहुत कुछ कहता है. यह भी पढ़ें : अंतरराष्ट्रीय ग्रैंडमास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट 19 सितंबर से रायपुर में
खेतान इसके अतिरिक्त खेतान शिक्षा केंद्र के उपाध्यक्ष भी हैं जिसके तहत वर्तमान में खेतान पब्लिक स्कूल, साहिबाबाद का संचालन किया जा रहा है. वे बंगाल एजुकेशन सोसाइटी के निदेशक भी हैं जिसके तहत खेतान वल्र्ड स्कूल, गाजियाबाद का संचालन किया जाता है. खेतान फिक्की अराइज (एलायंस फॉर री-इमेजिनिंग स्कूल एजुकेशन) के सह-अध्यक्ष भी हैं. यह पूरे भारत के स्कूलों का देशव्यापी संगठन है. वे शिक्षा को विकसित राष्ट्र की नींव मानते हैं. शिक्षा सेवा में उनके विश्वास, अनुभव और विशेषज्ञता के साथ खुशी निस्संदेह अपनी अमिट पहचान रखती है.
एक-एक जरूरतमंद बच्चे तक पहुंचने की अहमियत बताते हुए खेतान ने कहा, "जहां तक संभव हो एक-एक बच्चे तक पहुंचना अत्यावश्यक है. मेरा संकल्प है कि वर्ष 2025 के अंत तक खुशी की पहुंच बढ़ाते हुए 2,50,000 बच्चों को इसका लाभ देंगे. मैं हमारे लंबे समय से संरक्षक, कॉर्पोरेट भागीदार, साथी पदाधिकारी लोग और जुनून से काम करने वाली टीम के लगातार सहयोग से यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य प्राप्त करने को लेकर उत्साहित हूं."
"कपिल देव का सपना था कि खुशी प्रत्येक बच्चे को खुशहाल जिन्दगी और उज्जवल भविष्य दे और एक भी बच्चा पीछे ना छूटे. हमने खुशी के इस सफर को सफल बनाने की जिम्मेदारी उठाई है." खुशी का काम हमारे देश के बच्चों का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने पर केंद्रित है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच से दूर बच्चों को अच्छी शिक्षा की सुविधा सुनिश्चित करना खुशी का लक्ष्य है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चों के सामाजिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाए.