UEFA Euro Cup 2020: यूरो कप में आज होंगे तीन बड़े मुकाबले, वेल्स का सामना स्विट्जरलैंड से होगा
बता दें कि वेल्स अपने नियमित कोच रियान गिग्स के बिना उतरेगी. वेल्स के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है. गिग्स कोर्ट ट्रायल के कारण टीम के साथ नहीं हैं. उनकी जगह रॉब पेज टीम को देख रहे हैं. वेल्स बड़े टूर्नामेंट के लिए जल्दी क्वालिफाई नहीं करती है, लेकिन जब करती है तो अपनी छाप जरूर छोड़ती है. 2016 यूरो कप में अंतिम चार में प्रवेश किया था.
नई दिल्ली: यूरो कप (Euro Cup) का आगाज हो चुका है. टूर्नामेंट के दूसरे दिन तीन मुकाबले खेले जाने है. ग्रुप ए के मुकाबले में वेल्स (Wales) का सामना स्विट्जरलैंड (Switzerland) से होगा. ग्रुप बी में डेनमार्क (Denmark) की टक्कर फिनलैंड (Finland) से और बेल्जियम (Belgium) की भिड़ंत रूस (Russia) से होगी. तीनों मैचों में कांटे की टक्कर होगी. डेनमार्क की टीम 1992 की यूरो चैंपियन (Euro Champions) है. वेल्स ने 2016 यूरो कप में चौंकाने वाला प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल (Semifinal) में जगह बनाई थी. UEFA Euro Cup 2020: टूर्नामेंट के पहले मैच में इटली ने तुर्की को 3-0 से हराया
पहला मुकाबला
Wales Vs Switzerland
बता दें कि वेल्स अपने नियमित कोच रियान गिग्स के बिना उतरेगी. वेल्स के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है. गिग्स कोर्ट ट्रायल के कारण टीम के साथ नहीं हैं. उनकी जगह रॉब पेज टीम को देख रहे हैं. 2016 यूरो कप में अंतिम चार में प्रवेश किया था. स्विट्जरलैंड का रिकॉर्ड यूरो कप में खास नहीं रहा है. टीम तीन बार टूर्नामेंट के ग्रुप स्टेज से आगे नहीं बढ़ पाई. 2016 में स्विट्जरलैंड ने अंतिम 16 तक का सफर तय किया था.
दूसरा मुकाबला
Denmark Vs Finland
फिनलैंड के खिलाफ डेनमार्क का पलड़ा हमेशा भारी रहा है. 2011 के बाद से दोनों के बीच कोई मुकाबला नहीं हुआ है. 2020 में कास्पर हुलमंड को मैनेजर बनाए जाने के बाद डेनमार्क के प्रदर्शन में और भी सुधार देखने को मिला है. टीम ने यूरो कप वार्मअप मुकाबले में जर्मनी के साथ 1-1 से ड्रॉ खेला है और बोस्निया हर्जेगोविना को हराया है. दोनों के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है.
तीसरा मुकाबला
Belgium Vs Russia
तीसरा मुकाबला खिताब की प्रबल दावेदार बेल्जियम और रूस के बीच होगा. 1992 में सोवियत संघ के विघटन के बाद से रूस की टीम कभी भी बेल्जियम को नहीं हरा पाई है. बेल्जियम का टूर्नामेंट में बेस्ट परफॉर्मेंस 1980 में आया. तब टीम फाइनल तक पहुंची थी और जर्मनी से हारी थी. रूस का सबसे अच्छा प्रदर्शन 2008 में रहा था. केविन डि ब्रुइने, एडेन हजार्ड और रोमेलू लुकाकू की मौजूदगी में बेल्जियम की टीम टूर्नामेंट की सबसे आक्रामक टीमों में से एक मानी जा रही है.