नई दिल्ली, 2 अप्रैल: भारतीय क्रिकेट के इतिहास में आज का दिन काफी महत्वूर्ण है. आज ही के दिन टीम इंडिया ने दूसरी बार वर्ल्ड कप पर अपना जमाया था. इससे पहले भारत ने 1983 में कपिल देव (Kapil Dev) की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीता था. आईसीसी वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मुकाबला दो अप्रैल 2011 को मुंबई (Mumbai) के वानखेड़े स्टेडियम (Wankhede Stadium) में खेला गया. इस ऐतिहासिक मैच में पूर्व श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगाकारा (Kumar Sangakkara) ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया. टीम के लिए मध्यक्रम के दिग्गज बल्लेबाज महेला जयवर्धने (Mahela Jayawardene) ने महज 88 गेंद में 13 चौके की मदद से 103 रन की बेहतरीन शतकीय पारी खेली. जयवर्धने के अलावा कप्तान कुमार संगाकारा ने 67 गेंद में पांच चौके की मदद से 48 रन की बहुमूल्य पारी खेली.
श्रीलंका क्रिकेट टीम इन दोनों खिलाड़ियों के बदौलत निर्धारित ओवरों में छह विकेट के नुकसान पर 274 रन बनाने में कामयाब रही. टीम इंडिया के लिए ऑलराउंडर खिलाड़ी युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने अपने 10 ओवरों के स्पेल में 49 रन खर्च करते हुए दो विकेट चटकाए. युवराज के अलावा जहीर खान (Zaheer Khan) ने भी दो सफलता प्राप्त की. इन दोनों खिलाड़ियों के अलावा हरभजन सिंह ने एक विकेट चटकाया, वहीं धोनी ने नुवन कुलसेकरा को रन आउट किया.
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श्रीलंका द्वारा मिले 275 रनों के लक्ष्य को भारतीय टीम ने 48.2 ओवरों में चार विकेट के नुकसान पर प्राप्त कर लिया. टीम के लिए वीरेंद्र सहवाग (0) और सचिन तेंदुलकर (18) के जल्द आउट होने के बाद गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने विराट कोहली के साथ 83 रन की अहम साझेदारी की. कोहली 49 गेंद में चार चौके की मदद से 35 रन बनाकर आउट हुए. इसके पश्चात् उन्होंने चौथी विकेट के लिए धोनी के साथ 109 रनों की साझेदारी की.
गौतम गंभीर इस अहम मुकाबले में 97 रन बनाकर थिसारा परेरा की गेंद पर बोल्ड हुए. गंभीर ने अपनी इस उम्दा पारी के दौरान 122 गेंदों का सामना करते हुए नौ चौके लगाए. इसके अलावा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने 79 गेंद में आठ चौके और दो छक्के की मदद से नाबाद 91 और युवराज सिंह ने 24 गेंद में दो चौके की मदद से नाबाद 21 रन की पारी खेली. धोनी ने आखिर में कुलसेकरा की गेंद पर छक्का जड़कर टीम को जीत दिलाई थी.