Asia Cup 2023: विराट कोहली ने कहा, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 15 साल के बाद भी मुश्किल परिस्थितियां करती हैं रोमांचित
विराट कोहली (Photo Credits: Twitter)

Asia Cup 2023: बेंगलुरू, 28 अगस्त विराट कोहली ने अपने शानदार करियर के दौरान कई बाधाओं को पार किया लेकिन भारत के पूर्व कप्तान ने सोमवार को कहा कि आगामी आईसीसी विश्व कप 2023 उनके सामने नई चुनौती लेकर आएगा जिसका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेढ़ दशक के बाद वह अब भी लुत्फ उठाते हैं. विश्व कप का आयोजन भारत में अक्टूबर-नवंबर में किया जाएगा और कोहली ने कहा कि वह स्वदेश में विश्व कप में खेलने की चुनौती के लिए कमर कस रहे हैं. यह भी पढ़ें: सूर्यकुमार यादव ने ट्रेनिंग कैंप में झोकीं जान, वनडे में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध

कोहली ने यहां एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘आपके सामने कोई भी चुनौती हो, आपको उसे लेकर उत्सुक रहना चाहिए। जब कठिनाई सामने आती है तो आप उत्साहित हो जाते हैं. आप इससे कतराते नहीं हैं। 15 वर्षों के बाद भी मुझे मुकाबले पसंद हैं और विश्व कप 2023 उनमें से एक (चुनौती) है। यह मुझे उत्साहित करता है, मुझे कुछ नया चाहिए जो मुझे अगले स्तर पर ले जाए.’’

कोहली ने इससे इनकार नहीं किया कि उन पर और टीम पर अपेक्षाओं का दबाव होगा लेकिन उन्होंने सभी को याद दिलाया कि खिलाड़ियों से अधिक कोई भी विश्व कप जीतना नहीं चाहता.

उन्होंने कहा, ‘‘दबाव हमेशा रहता है. प्रशंसक हमेशा कहते हैं कि हम चाहते हैं कि (टीम) विश्व कप जीते. मैं कहूंगा कि वे मुझसे अधिक नहीं चाहते। ईमानदारी से कहूं तो मुझे पता है कि उम्मीदें और लोगों की भावनाएं हैं. लेकिन कृपया जान लें कि खिलाड़ियों से ज्यादा कोई भी जीतना नहीं चाहता.’’

कोहली को पता है कि विश्व कप जीतने के लिए क्या करना होता है। उनकी अगुआई में भारत ने 2008 में आईसीसी अंडर-19 विश्व कप जीता और वह 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में स्वदेश में 50 ओवर का विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे.

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे करियर का मुख्य आकर्षण स्पष्ट रूप से 2011 में विश्व कप जीतना है। मैं उस समय 23 वर्ष का था और शायद मुझे इसका महत्व समझ में नहीं आया. लेकिन अब 34 साल की उम्र में कई और विश्व कप खेलने के बाद, जिन्हें हम जीत नहीं पाए हैं, इसलिए मैं सभी सीनियर खिलाड़ियों (2011 में) की भावनाओं को समझता हूं.’’

कोहली ने कहा, ‘‘सचिन तेंदुलकर के लिए और भी अधिक क्योंकि यह उनका आखिरी विश्व कप था. वह तब तक कई विश्व कप खेल चुके थे और अपने गृहनगर मुंबई में इसे जीतना उनके लिए बहुत खास था। मेरा मतलब है, यह सपना सच होने की तरह था.’’

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