NatWest Final 2002: 19 साल पहले आज ही के दिन गांगुली की टीम ने तोड़ा था अंग्रेजों का गुरुर, पूरे देश को दी थी लड़ने की सीख
लॉर्ड्स में भारत ने रचा था इतिहास (Photo Credits: Twitter)

मुंबई: 19 साल पहले यानी 13 जुलाई 2002 को आज ही के दिन भारतीय टीम ने सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के नेतृत्व में लॉर्ड्स (Lord's) की कहानी लिखी थी. भारत ने मेजबान इंग्लैंड (England) के खिलाफ नेटवेस्ट सीरीज (Natwest Series) के फाइनल में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी. नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में नाबाद 87 रनों की पारी खेलकर मोहम्मद कैफ (Mohammad Kaif) हीरो बन गए थे. मोहम्मद कैफ ने युवराज सिंह (Yuvraj Singh) के साथ मिलकर भारत को इंग्लैंड पर ऐतिहासिक जीत दिलाई थी. BCCI: चैंपियन्स ट्राफी, T20 विश्व कप और वनडे विश्व कप की मेजबानी का दावा करेगा बीसीसीआई

बता दें कि पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली को जीत का सिकंदर माना जाता है. जब भी सौरभ गांगुली की कप्तानी का जिक्र आता है तो 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स का फाइनल मैच जरूर याद किया जाता है. सौरव गांगुली मौजूदा समय में बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं.

इंग्‍लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 5 विकेट खोकर 325 रन बनाए थे. उस समय 300 रन के ऊपर के लक्ष्‍य को चेज करना आसान नहीं होता था. इसके बाद भारतीय फैंस निराश हो गए थे क्‍योंकि इससे पहले चार-पांच फाइनल में भारत का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था. लक्ष्य का पीछा करने जब भारतीय टीम बल्लेबाजी के लिए उतरी तब मैदान में एकदम शांति का माहौल बना हुआ था. ऐसे में वीरेंद्र सहवाग (45) और कप्‍तान सौरव गांगुली (60) 87 गेंदों में 106 रन की साझेदारी करके फैंस के दिलों में जीत की आस जगाई.

एक समय ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया ये मैच आसानी से जीत जाएगी। तभी एलेक्‍स ट्यूडर की गेंद पर गांगुली बोल्‍ड होकर पवेलियन लौट गए. भारतीय टीम अच्‍छी शुरूआत का फायदा नहीं उठा पाई और देखते ही देखते स्‍कोर 146/5 हो गया. सचिन तेंदुलकर (14), राहुल द्रविड़ (5), दिनेश मोंगिया (9) और सहवाग भी आउट होकर पवेलियन लौट गए. सचिन तेंदुलकर के आउट होते ही क्रिकेट फैंस मैदान छोड़कर जाने लगे थे.

युवराज-कैफ ने दिखाया दम

मैच टीम इंडिया के साथ से निकल रहा था, तब मैदान पर दो युवा बल्‍लेबाज युवराज सिंह और मोहम्‍मद कैफ क्रीज पर आए. दोनों ने शानदार रनिंग बिटविन द विकेट्स दिखाई और मैदान के चारों कोनों में शॉट जमाना शुरू कर दिया. युवी-कैफु ने के बीच छठें विकेट के लिए 121 रन की साझेदारी हुई. तभी कॉलिंगवुड की गेंद पर युवराज सिंह ने ट्यूडर को कैच दे बैठे.

युवी के आउट होने के बाद मोहम्‍मद कैफ और हरभजन सिंह ने सातवें विकेट के लिए 47 रन जोड़े. अंत में जहीर खान ने एंड्रयू फ्लिंटॉफ की गेंद पर शॉट खेलकर रन लिया जिसके बाद ओवरथ्रो हुआ और भारतीय बल्‍लेबाजों ने दूसरा रन लेकर सुनहरे अक्षरों में इतिहास रच दिया. भारतीय टीम ने नेटवेस्‍ट सीरीज फाइनल में इंग्‍लैंड को 2 विकेट से हराया.

दादा ने टी-शर्ट घुमाकर लिया बदला

सौरभ गांगुली ने जर्सी उतारकर एंड्रयू फ्लिंटॉफ को जवाब दिया था. उसी साल फ्लिंटॉफ ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत के खिलाफ वनडे मैच में मिली जीत के बाद अपनी टी-शर्ट को हवा में लहराया था. इसके बाद जब नेटवेस्‍ट सीरीज के फाइनल में भारत ने जीत दर्ज की तो गांगुली ने फ्लिंटॉफ से टी-शर्ट उतारने का बदला लिया और लॉर्ड्स की बालकनी के इस दृश्‍य को हमेशा के लिए भारतीय क्रिकेट इतिहास में अमर कर दिया.