ICC Champions Trophy 2024: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी अगले साल पाकिस्तान में खेली जाएगी, हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम इस टूर्नामेंट से बाहर हो सकती है. भारत के इस शोपीस इवेंट के लिए पाकिस्तान का दौरा करने की संभावना कम है. बीसीसीआई ने आईसीसी पर इस टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल में आयोजित करने के लिए दबाव डाल सकता है, ठीक उसी तरह जैसे एशिया कप 2023 में दूसरे चरण के लिए श्रीलंका जाने से पहले पाकिस्तान में कुछ मैच खेले गए थे. भारत के पाकिस्तान दौरे से इनकार करने को दोनों देशों के बीच खराब राजनीतिक संबंधों से जोड़ा जा सकता है. भारत ने आखिरी बार 2008 में एशिया कप के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था, हालांकि, उसी साल मुंबई हमलों ने उनके द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों को समाप्त कर दिया. टीमें अब केवल एशिया कप और आईसीसी आयोजनों में एक-दूसरे के साथ खेलती हैं. यह भी पढ़ें: गौतम गंभीर को हेड कोच बनते ही टीम इंडिया के खेल शैली में होगा बड़ा बदलाव, जानें कैसे भारत बन सकता है विश्व चैंपियन
इस बीच, पीसीबी अपने रुख पर अड़ा हुआ है कि वे टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल में खेलने की अनुमति नहीं देंगे. अगर आईसीसी उनके सुझाव को अस्वीकार कर देता है तो बीसीसीआई के पास कहने के लिए बहुत कम होगा, लेकिन उनके पास टूर्नामेंट से बाहर निकलने का विकल्प होगा. भारत के चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर होने से इस भव्य आयोजन की ब्रांड वैल्यू पर काफी असर पड़ेगा, चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की भागीदारी पर अंतिम निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाएगा. अगर भारतीय क्रिकेट टीम 2024 में पाकिस्तान में होने वाले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से हटती है, तो इसका बड़ा प्रभाव पड़ेगा. भारतीय टीम के टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेने से आईसीसी और क्रिकेट फैंस दोनों पर असर पड़ेगा.
राजस्व पर असर(ICC Revenue): भारतीय क्रिकेट टीम की भागीदारी किसी भी बड़े टूर्नामेंट में राजस्व के लिए महत्वपूर्ण होती है. भारतीय दर्शक बड़ी संख्या में मैच देखते हैं, जिससे टीवी रेटिंग्स और प्रायोजन (sponsorship) पर बड़ा प्रभाव पड़ता है. भारत के न खेलने से आईसीसी को आर्थिक नुकसान हो सकता है. जो बोर्ड कभी नहीं चाहेगी. BCCI और भारत सरकार के फैसले का सम्मान करते हुए आईसीसी भारत को किसी अन्य देश में खेलने का आप्शन डे सकता है.
प्रतिस्पर्धा की गुणवत्ता: भारतीय टीम दुनिया की शीर्ष क्रिकेट टीमों में से एक है. उनकी अनुपस्थिति से टूर्नामेंट की प्रतिस्पर्धा की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है. भारतीय टीम के खिलाफ खेलना अन्य टीमों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, उनकी गैरमौजूदगी से टूर्नामेंट की स्पर्धा कम हो सकती है. क्योकि क्रिकेट में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा देखा जाने वाला मुकाबला माना जाता है.
प्रशंसकों की निराशा: भारतीय क्रिकेट टीम के करोड़ो प्रशंसक हैं. अगर भारतीय टीम टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेती है, तो उनके फैंस बहुत निराश होंगे. इससे टूर्नामेंट की दर्शक संख्या पर भी असर पड़ सकता है. भारतीय दर्शक क्रिकेट में डोमिनेट करते है, क्योकि कही भी भारत बनाम मैच खेला जाता है भारतीय फैंस भारी मात्र में पहुचते है, साथ ही टीवी पर भी करोड़ो के संख्या में देखते है जिससे रेवेन्यु जेनेरेट होता है.
आईसीसी और बीसीसीआई के संबंध: अगर भारत टूर्नामेंट से हटता है, तो इसका प्रभाव अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) औरभारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के बीच के संबंधों पर भी पड़ सकता है. इससे दोनों संगठनों के बीच तनाव बढ़ सकता है. भविष्य के टूर्नामेंट्स में भी असर हो सकता है.
कौन लेगा भारत की जगह?
अगर भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी 2024 से हटती है, तो उसकी जगह लेने वाली टीम का चयन आईसीसी द्वारा किया जाएगा. इसमें संभावना है कि उस टीम को मौका दिया जाए जो क्वालिफिकेशन में अगली बेस्ट परफॉर्मेंस देने वाली टीम हो। यह निर्णय आईसीसी की रैंकिंग और क्वालिफिकेशन प्रक्रिया पर निर्भर करेगा. तो श्रीलंका टूर्नामेंट में भारत की जगह ले लेगा. इस परिस्तिथि में जो लगभग तय माना जा सकता है.
भारतीय टीम का 2024 में पाकिस्तान में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से हटने का निर्णय बड़ा असर डाल सकता है. इसका प्रभाव न केवल टूर्नामेंट की प्रतिस्पर्धा और राजस्व पर पड़ेगा, बल्कि क्रिकेट फैंस की भावनाओं और आईसीसी-बीसीसीआई के संबंधों पर भी पड़ेगा. इस स्थिति में, आईसीसी को एक मजबूत योजना बनानी होगी ताकि टूर्नामेंट की सफलता और प्रतिस्पर्धात्मकता बनी रहे.