Arun Jaitley Stadium: कोटला में गौतम गंभीर के नाम पर स्टैंड, देरी के लिये रजत शर्मा पर उठाये सवाल

गौतम गंभीर के नाम पर आखिरकार यहां अरुण जेटली स्टेडियम में एक स्टैंड का नाम रख दिया गया लेकिन इससे जुड़ा समारोह तब गौण बन गया जब इस पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने डीडीसीए में वर्तमान कुव्यवस्था की आलोचना की और यहां तक कि अध्यक्ष रजत शर्मा पर भी सवाल उठाये. दिल्ली क्रिकेट में प्रशासनिक अव्यवस्था फिर से देखने को मिल रही है.

गौतम गंभीर (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली. गौतम गंभीर के नाम पर आखिरकार यहां अरुण जेटली स्टेडियम में एक स्टैंड का नाम रख दिया गया लेकिन इससे जुड़ा समारोह तब गौण बन गया जब इस पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने डीडीसीए में वर्तमान कुव्यवस्था की आलोचना की और यहां तक कि अध्यक्ष रजत शर्मा पर भी सवाल उठाये. दिल्ली क्रिकेट में प्रशासनिक अव्यवस्था फिर से देखने को मिल रही है. रजत शर्मा को पिछले साल जुलाई में अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. उन्होंने इस महीने के शुरू में त्यागपत्र दे दिया था लेकिन लोकपाल ने उनका त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया है और उनसे पद पर बने रहने के लिये कहा है. घरेलू क्रिकेट में केवल दिल्ली की तरफ से खेलने वाले और लंबे समय तक उसके कप्तान रहे गंभीर डीडीसीए के कामकाज से संतुष्ट नहीं दिखे.

उन्होंने उत्तरी स्टैंड का नाम उनके नाम पर रखने में देरी के लिये अध्यक्ष शर्मा पर भी सवाल उठाये. गंभीर ने इस संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अध्यक्ष इसका सही जवाब दे सकते हैं क्योंकि इससे पहले मुझे कहा गया था इसका अनावरण भारत बनाम आस्ट्रेलिया मैच (मार्च में) के दौरान किया जाएगा. इसके बाद उन्होंने कहा कि आईपीएल के पहले मैच के दौरान ऐसा होगा फिर उन्होंने हॉटवेदर (स्थानीय टूर्नामेंट) के दौरान अनावरण की बात की. पिछले छह सात महीने से मुझसे यही सब कहा जाता रहा. ’’इस अवसर पर शर्मा उपस्थित नहीं थे. यह भी पढ़े-गौतम गंभीर ने किया बड़ा खुलासा, कहा- धोनी की वजह से 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में शतक नहीं हुआ पूरा

वर्तमान भारतीय कप्तान विराट कोहली के नाम पर भी फिरोजशाह कोटला में स्टैंड है. उनके अलावा मोहिंदर अमरनाथ और बिशनसिंह बेदी के नाम पर भी स्टैंड हैं जबकि वीरेंद्र सहवाग और भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा के नाम पर गेट हैं. पिछले महीने तक डीडीसीए निदेशक रहे गंभीर ने अधिकारियों की अंदरूनी कलह और दिल्ली क्रिकेट की बेहतरी पर ध्यान नहीं देने के लिये आलोचना की. उन्होंने सीनियर चयन समिति पर भी सवाल उठाये जिसमें अतुल वासन, विनीत जैन और अनिल भारद्वाज शामिल हैं. उन्होंने दावा किया कि जैन कभी दिल्ली की तरफ से नहीं खेले और उन्हें चयनकर्ता नहीं बनाया जाना चाहिए था.

गंभीर ने कहा, ‘‘एक चीज जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है कि एक चयनकर्ता ऐसा है जो कभी दिल्ली के लिये नहीं खेला। दिल्ली भी मुंबई और कर्नाटक की तरह है. हमने कई बार रणजी ट्राफी जीती है, इसलिए हम ऐसे चयनकर्ता की उम्मीद नहीं करते जो कभी दिल्ली से नहीं खेला हो. यहां तक जूनियर स्तर पर भी ऐसे चयनकर्ता हैं जो कभी दिल्ली से नहीं खेले. ’’

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