
Pehle Ek Test Over Mein Kitni Ball Hoti Thi?: क्या आपने कभी सोचा है कि क्रिकेट में एक ओवर में हमेशा 6 गेंदें ही क्यों होती हैं? क्या यह नियम हमेशा से ऐसा ही था? नहीं! चलिए हम आपको Google Googly के आज के सवाल का सही जवाब बताते हैं. दरअसल, क्रिकेट के इतिहास में ओवर की लंबाई कई बार बदली है. शुरुआत में एक ओवर में सिर्फ 4 गेंदें होती थीं. फिर 1889 में इसे बढ़ाकर 5 गेंदें कर दिया गया. इसके बाद 1900 में एक ओवर में 6 गेंदें तय की गईं, जो आज भी चलन में हैं.
लेकिन दिलचस्प बात यह है कि कुछ देशों में 8 गेंद वाले ओवर भी खेले जाते थे. जैसे ऑस्ट्रेलिया में 1936 से 1979 तक 8 गेंद वाले ओवर चलते रहे.
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इंटरनेशनल क्रिकेट में सभी ओवर 6 गेंदों के ही होते हैं
1979-80 के बाद से इंटरनेशनल क्रिकेट में सभी ओवर 6 गेंदों के ही होते हैं. नियम के मुताबिक, अगर कोई गेंद वाइड या नो बॉल होती है, तो वो ओवर की गिनती में नहीं आती और गेंदबाज को अतिरिक्त गेंद फेंकनी पड़ती है.क्रिकेट में जब कोई गेंदबाज़ 6 गेंदें बिना किसी रन दिए डालता है, तो उसे 'मेडन ओवर' कहा जाता है. और अगर उस ओवर में विकेट भी गिर जाए, तो वो विकेट मेडन कहलाता है.
टीम का कप्तान तय करता है कि अगला ओवर कौन सा गेंदबाज डालेगा, लेकिन एक गेंदबाज लगातार दो ओवर नहीं डाल सकता. इसलिए आमतौर पर दो गेंदबाज बारी-बारी से ओवर फेंकते हैं.
सभी देशों में 6 गेंदों का ही ओवर होता है
वनडे और टी20 में गेंदबाज़ों पर ओवर की सीमा होती है, जैसे 50 ओवर वाले मैच में एक गेंदबाज 10 ओवर से ज्यादा नहीं डाल सकता. लेकिन टेस्ट क्रिकेट में ऐसा कोई बंधन नहीं होता है.
आज की तारीख में चाहे कोई भी देश हो, भारत, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया या पाकिस्तान हर जगह 6 गेंदों का ही ओवर चलता है.