Anshul Kamboj Milestone: केरल के खिलाफ मैच में अंशुल कंबोज ने रचा इतिहास, रणजी ट्रॉफी में एक पारी में 10 विकेट लेने वाले बने तीसरे गेंदबाज

रणजी ट्रॉफी(Ranji Trophy) 2024-25 में हरियाणा और केरल के बीच चल रहे मुकाबले के तीसरे दिन इतिहास रच दिया गया. हरियाणा के तेज गेंदबाज अंशुल कांबोज ने केरल की दूसरी पारी में 10 विकेट चटकाए

अंशुल काम्बोज(Photo Credit: X @BCCIDomestic)

Anshul Kamboj Milestone: रणजी ट्रॉफी(Ranji Trophy) 2024-25 में हरियाणा और केरल के बीच चल रहे मुकाबले के तीसरे दिन इतिहास रच दिया गया. हरियाणा के तेज गेंदबाज अंशुल कांबोज ने केरल की दूसरी पारी में 10 विकेट चटकाए. रणजी ट्रॉफी के इतिहास में ऐसा कारनामा करने वाले तीसरे गेंदबाज बन गए. अंशुल कांबोज ने तीसरे दिन का खेल आठ विकेट के साथ शुरू किया और सिर्फ तीन ओवर में केरल के शेष दो बल्लेबाजों को पवेलियन भेजते हुए यह उपलब्धि हासिल की. उनका यह प्रदर्शन रणजी ट्रॉफी के इतिहास के सबसे शानदार गेंदबाजी प्रदर्शनों में से एक बन गया है. यह भी पढ़ें: इंट्रा स्क्वाड वार्म-अप मैच में भी टीम इंडिया के बल्लेबाजों का ख़राब फॉर्म जारी, प्रैक्टिस मैच में विराट कोहली 15, तो ऋषभ पंत 19 रन पर हुए आउट

रणजी ट्रॉफी में इससे पहले सिर्फ दो गेंदबाजों ने एक पारी में 10 विकेट लेने का कारनामा किया है. इससे पहले बंगाल के इस गेंदबाज प्रेमांगसू चटर्जी (1957-58) ने असम के खिलाफ दूसरी पारी में 10 रन देकर 20 विकेट लिए थे. राजस्थान के प्रदीप सुंदरम (1985-86) ने विदर्भ के खिलाफ 78 रन देकर 10 विकेट झटके थे. अंशुल कांबोज ने इस सूची में शामिल होकर अपनी जगह पक्की कर ली है. उन्होंने अपनी शानदार गेंदबाजी से हरियाणा को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है.

रणजी ट्रॉफी में एक पारी में 10 विकेट लेने वाले गेंदबाज(Bowlers with 10 wickets in An Innings in Ranji Trophy)

गेंदबाज आंकड़े विरुद्ध रणजी ट्रॉफी संस्करण
प्रेमांगसु चटर्जी 19-11-20-10 असम 1957-58
प्रदीप सुंदरम 22-5-78-10 विदर्भ 1985-86
अंशुल कांबोज 30.1-9-49-10 केरल 2024-25

केरल की बल्लेबाजी कांबोज के आगे पूरी तरह बेबस नजर आई. उनकी तेज और सटीक गेंदबाजी के सामने कोई भी बल्लेबाज टिक नहीं पाया. यह प्रदर्शन अंशुल के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है. यह देखना दिलचस्प होगा कि उनका यह शानदार प्रदर्शन आगे के मुकाबलों में भी जारी रहता है या नहीं. रणजी ट्रॉफी में इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने अंशुल कांबोज को भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक अलग पहचान दिला दी है.

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