इमोजी का इस्तेमाल विभिन्न डिजिटल प्लेटफ़ॉर्मों, उदाहरणार्थ मैसेजिंग ऐप, सोशल मीडिया और ईमेल में भावनाओं को व्यक्त करने, संदेश देने और टेक्स्ट-आधारित बातचीत को मनोरंजक एवं रोचक तत्व को जोड़ने के लिए किया जाता है. विश्व इमोजी दिवस एक हल्का-फुल्का और मजेदार तरीके से सेलिब्रेट करने का अवसर है, जो डिजिटल संचार पर इमोजी के प्रभाव को दर्शाता है, और हमारी विभिन्न संस्कृतियों और सांकेतिक भाषाओं के साथ लोगों को हमसे जोड़ता है. आज के दौर में इसकी उपयोगिता और लोकप्रियता के लिए किसी प्रमाण की जरूरत नहीं है. आइये जानते हैं इस विशेष दिवस के बारे में कुछ रोचक जानकारियां. यह भी पढ़ें: Islamic New Year 2023: कब शुरू हो रहा है इस्लामिक नववर्ष? जानें हिजरी वर्ष का इतिहास और सेलिब्रेशन!

विश्व इमोजी दिवस का इतिहास:

पहली बार ‘विश्व इमोजी दिवस’ 17 जुलाई 2014 को मनाया था, इसका मुख्य उद्देश्य इमोजी का सही तरीके से इस्तेमाल कर इसके प्रयोग को बढ़ावा देना और लोगों को प्रसन्नचित्त रखना था. इसे इमोजीपीडिया के संस्थापक जेरेमी बर्ज ने 17 जुलाई 2014 को विनम्र इमोजी और डिजिटल संचार पर इसके प्रभाव का सम्मान करने के लिए बनाया था. 17 जुलाई को ही विश्व इमोजी दिवस मनाने की मुख्य वजह यह है कि worldemojiday.com के अनुसार इमोजी दिवस (Emoji Day) की तारीख आईफोन पर कैलेंडर इमोजी की तारीख के आधार पर तय की गई थी, जो 17 जुलाई को दर्शाता है. इसी तारीख में एप्पल (Apple) और गूगल (Google) सहित अधिकांश प्लेटफार्मों पर कैलेंडर इमोजी दिखाया जाता रहा है, इमोजीपीडिया वास्तव में एक इमोजी रेफरेंस वेबसाइट है, जो युनिकोड मानक में प्रत्येक इमोजी के अर्थ और इसके सामान्य उपयोग के बारे में रोचक जानकारी प्रदान करती है.

एक मान्यता यह भी!

कुछ जानकारों के अनुसार इमोजी का इतिहास 400 साल पुराना है, लेकिन आधुनिक इमोजी के जनक जापान के ‘शिगेटका कुरीता‘ माने जाते हैं, उन्होंने साल 1999 में 176 Emoji का एक सेट तैयार किया था. इस संदर्भ में कहा जाता है कि शिगेटका कुरीता जब एक मोबाइल टेलीकॉम कंपनी में काम कर रहे थे, उस समय मोबाइल इंटरनेट से ईमेल भेजने की सीमा सिर्फ 250 करैक्टर तक ही सीमित थी. उन्होंने न्यूनतम शब्दों में अपनी बात कहने के लिए इमोजी का सहारा लिया. और बिंदुओं की मदद से इसका एक सेटअप तैयार किया. जापान में हर तरह की चैटिंग में इसका प्रयोग खूब होने लगा, इसकी आम लोगों में बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए साल 2007 में आईफोन ने इसे अपने कीपैड में शामिल किया. जिसके बाद दुनिया भर में इसे लोकप्रियता मिलनी शुरू हुई. बाद में 2010 में यूनिकोड द्वारा इसके इस्तेमाल को मान्यता दी गई.

सेलिब्रेशन!

इस दिन अधिकांश लोग जिसमें युवा वर्ग ज्यादा हैं, इमोजी थीम वाले कार्यक्रम का आयोजन करते हैं, तथा इमोजी के इर्द गिर्द विभिन्न ऑनलाइन गतिविधियों में शामिल होते हैं, और इसका बेहतर तरीके से इस्तेमाल करते हैं. यह दिन हमें इस बात की याद दिलाता है कि डिजिटल युग में इमोजी हमें अपनी बात को अभिव्यक्त करने और संवाद के तरीकों में अभूतपूर्व एवं रोचक क्रांति लाया है. विश्व इमोजी प्रत्येक वर्ष कुछ नये स्वरूप के साथ तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहा है. इसके नित नये स्वरूप एवं सांकेतिक विचार हमारे दिनचर्या में आवश्यक तरीके से प्रवेश कर रहा है. एक सर्वे में पाया गया है कि ज्यादातर भारतीय इमोजी के मतलब को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति में होते है. उन्हें नहीं पता होता कि कब कौन से इमोजी का इस्तेमाल करना चाहिए. ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए भी यह दिवस मनाना महत्वपूर्ण हो जाता है.

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