एक मामले पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि "महिलाओं को कानूनी संरक्षण प्राप्त है, जिसकी वजह से वह पुरुषों को आसानी से फंसाने में कामयाब हो जाती हैं, अदालतों में बड़ी संख्या में इस तरह के मामले में आ रहे हैं, जिनमें लड़कियां या महिलाएं आरोपित के साथ लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाने के बाद झूठे आरोप लगा कर केस दर्ज कराती हैं. कोर्ट ने कहा, ऐसे मामलों में न्यायिक अधिकारियों को सतर्क रहना चाहिए. वे जमीनी हकीकत पर नजर रखें और उचित फैसला लें. SC on Love Marriages and Divorces: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- लव मैरिज में बढ़ रहे हैं तलाक के मामले

कोर्ट ने कहा 'प्राथमिकी में कोई भी बेबुनियाद आरोप लगाना और किसी को भी ऐसे आरोपों में फंसाना बहुत आसान है. इंटरनेट मीडिया, फिल्मों, टीवी शो आदि के माध्यम से खुलेपन का फैशन या चलन फैल रहा है.  किशोर लड़के और लड़कियां इसको फॉलो कर रहे हैं.

लड़की के सम्मान की रक्षा के नाम पर दुर्भावनापूर्ण रूप से झूठी एफआईआर दर्ज की जा रही है. कोर्ट ने कहा क‍ि कुछ समय या लंबे समय तक लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के बाद लड़के और लड़की के बीच किसी मुद्दे पर विवाद हो जाता है. इसके बाद वे एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगते हैं.

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