Allahabad High Court On Freedom Of Speech And Expression: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा  कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार अपनी विशेष जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के साथ आता है और यह नागरिकों को जिम्मेदारी के बिना बोलने का अधिकार प्रदान नहीं करता है और न ही यह भाषा के हर संभव उपयोग के लिए एक मुक्त लाइसेंस प्रदान करता है.

क्या है मामला

दरअसल, एक शख्स पर व्हाट्सएप पर देवी दुर्गा को लेकर अपमानजनक टिप्पणी पोस्ट करने का आरोप लगाया गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप पर देवी दुर्गा को गाली देने के आरोपी को राहत देने से इनकार कर दिया. अदलात ने कहा कि 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की भी सीमाएं है'.

मामले की जांच के दौरान, आरोपी के दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं और उनके व्हाट्सएप संदेशों की जांच करने पर, आवेदक के खिलाफ लगाए गए आरोप सही पाए गए हैं.  न्यायालय ने कहा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन यह नागरिकों को जिम्मेदारी के बिना बोलने का अधिकार नहीं देता है.

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