बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में मुंबई पुलिस और बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) को शहर भर में अवैध फेरीवालों की समस्या को हल करने में विफल रहने के लिए फटकार लगाई. जस्टिस महेश सोनक और कमल खता की खंडपीठ ने मुंबई पुलिस और बीएमसी को कड़ी फटकार लगाई क्योंकि दोनों ने अपनी "कार्रवाई रिपोर्ट" जमा करने के लिए समय मांगा. लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों ने अपना आपा खो दिया जब एक दुकानदार ने कहा कि फेरीवालों ने पहले बेदखल होने के बाद भी उसकी दुकान के प्रवेश द्वार पर "अतिक्रमण" किया. पीठ ने मुंबई में अवैध फेरीवालों की समस्या से संबंधित एक पीआईएल पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की.

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