टाटा ग्रुप ने अभी एअर इंडिया की बोली नहीं जीती है. हालांकि टाटा संस कर्ज में डूबी सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए शीर्ष बोलीदाता के रूप में उभरी है, लेकिन बोली को अभी तक गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने मंजूरी नहीं दी है. वित्त वर्ष 2022 के बजट भाषण के दौरान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सभी प्रस्तावित निजीकरण की प्रक्रिया वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरी हो जाएगी. एयरलाइन में अपनी हिस्सेदारी बेचने का मौजूदा केंद्र सरकार का यह दूसरा प्रयास है. पूर्व-महामारी युग में एयरलाइन, स्टैंडअलोन के आधार पर, 50 से अधिक घरेलू और 40 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों का संचालन करती थी. इसके अलावा, इसने कोविड महामारी से पहले 120 से अधिक विमानों का संचालन किया. उस अवधि के दौरान, एयरलाइन में 9,000 से अधिक स्थायी और 4,000 संविदा कर्मचारी थे.

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