SC On Ancestral Property: अवैध शादी से पैदा हुई संतान का पैतृक संपत्ति पर भी होगा अधिकार, सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी
एक ऐतिहासिक फैसले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि अवैध विवाह से पैदा हुए बच्चे अपने माता-पिता की अर्जित संपत्ति के साथ-साथ पैतृक संपत्ति के भी हकदार हैं.
एक ऐतिहासिक फैसले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि अवैध विवाह से पैदा हुए बच्चे अपने माता-पिता की अर्जित संपत्ति के साथ-साथ पैतृक संपत्ति के भी हकदार हैं.
मामला एक महिला द्वारा दायर किया गया था जो अवैध शादी से पैदा हुई थी. उन्होंने हिंदू विवाह अधिनियम, धारा 16(3) को चुनौती दी, जिसमें कहा गया है कि अवैध शादी से पैदा हुए बच्चे केवल अपने माता-पिता की संपत्ति के हकदार हैं, किसी अन्य रिश्ते के नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि धारा 16(3) भेदभावपूर्ण है और अवैध विवाह से पैदा हुए बच्चों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है. कोर्ट ने कहा कि ऐसे बच्चे निर्दोष हैं और उन्हें उनके माता-पिता की गलतियों की सजा नहीं दी जानी चाहिए. न्यायालय ने यह भी कहा कि संपत्ति का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और किसी को भी उसके जन्म के आधार पर इससे वंचित नहीं किया जा सकता है.
यह फैसला अवैध विवाह से पैदा हुए बच्चों के अधिकारों के लिए एक बड़ी जीत है. इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि ऐसे बच्चों के साथ भेदभाव नहीं किया जाए और उन्हें अन्य बच्चों के समान अधिकार प्राप्त हों.
(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)