केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप खत्म होने के बाद लागू किया जाएगा. पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एक चुनावी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा “टीएमसी सीएए के बारे में अफवाहें फैला रही है कि इसे जमीन पर लागू नहीं किया जाएगा, लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि जैसे ही कोविड की लहर समाप्त होगी हम सीएए को जमीन पर लागू करेंगे...ममता दीदी घुसपैठ चाहती हैं...सीएए था, है और एक वास्तविकता होगी.”

सीएए 2019 में बनाया गया था, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है. इसका उद्देश्य हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के उन सदस्यों को नागरिकता प्रदान करना है, जिन्हें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था. इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे जिनमें देश के विभिन्न हिस्सों में लगभग 100 लोगों की मौत हुई थी.

गृह मंत्रालय की 2020-21 के लिए जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘सीएए एक सीमित संदर्भ में और एक खास उद्देश्य से बनाया गया कानून है, जिसमें स्पष्ट कट ऑफ तारीख के साथ कुछ चुनिंदा देशों से आने वाले खास समुदायों को छूट देने की कोशिश की गई है. यह एक सहानुभूतिपूर्ण एवं सुधारात्मक कानून है.’’ इसके अनुसार सीएए भारतीय नागरिकों पर लागू नहीं होता है और इसलिए, यह कानून किसी भी तरह से उनके अधिकारों को कम नहीं करता है.

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