भारत के अगले राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होगा और वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी. इस चुनाव में सांसदों और विधायकों वाले निर्वाचक मंडल के 4,809 सदस्य मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे. राष्ट्रपति चुनाव में कुल 776 सांसद और 4,033 विधायक मतदान करेंगे. वोटों का कुल मूल्य (वैल्यू) 10,86,431 है. विधायकों के वोटों की वैल्यू 5,43,231 और सांसदों के वोटों की वैल्यू 5,43,200 है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि राष्ट्रपति चुनाव 2022 में वाईएसआरसीपी कांग्रेस पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, बीजू जनता दल, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस बड़ी भूमिका निभाएंगे. दरअसल ये दल न तो बीजेपी की अगुवाई वाली NDA और न ही कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA के साथ हैं, हालांकि इनके पास काफी संख्या में वोटर हैं.

चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना 15 जून को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन 29 जून होगा. नामांकन पत्रों की जांच 30 जून को होगी और नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 2 जुलाई होगी. अगर जरूरत पड़ी तो 18 जुलाई को मतदान होगा और 21 जुलाई को मतगणना होगी. राज्य सभा के महासचिव इस चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर होंगे.

भारत के राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्यों द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के निर्वाचित सदस्य और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी सहित सभी राज्य विधानसभाएं शामिल होती हैं. संसद और राज्य विधानसभा के मनोनीत सदस्य और विधान परिषद के सदस्य मतदान के पात्र नहीं हैं. 2017 में राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को हुए थे और परिणाम 20 जुलाई को घोषित किया गया था. 

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