HC on Unnatural Sex With Wife: पत्नी के साथ बिना सहमति के 'अप्राकृतिक' यौन संबंध बनाने के लिए पति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता: हाई कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि पति-पत्नी के बीच किया गया कोई भी काम जो सामान्य सेक्स से आगे जाता है, उसे स्पष्ट रूप से 'अप्राकृतिक' संभोग नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वैवाहिक संबंध सिर्फ संतानोत्पत्ति से कहीं अधिक है.

HC on Unnatural Sex With Wife: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक मामले प सुनवाई करते हुए कहा कि प्राकृतिक सेक्स से परे किसी भी चीज को 'अप्राकृतिक यौन संबंध' नहीं कहा जा सकता. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने पाया है कि चूंकि भारतीय कानून वर्तमान में वैवाहिक बलात्कार को मान्यता नहीं देता है, इसलिए एक पति को अपनी पत्नी के साथ बिना सहमति के 'अप्राकृतिक' यौन संबंध के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के तहत जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता है.

कोर्ट ने आगे कहा कि पति-पत्नी के बीच किया गया कोई भी काम जो सामान्य सेक्स से आगे जाता है, उसे स्पष्ट रूप से 'अप्राकृतिक' संभोग नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वैवाहिक संबंध सिर्फ संतानोत्पत्ति से कहीं अधिक है.

न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी ने मध्य प्रदेश विधान सभा के मौजूदा सदस्य उमंग सिंघार की पत्नी द्वारा बलात्कार और आईपीसी की धारा 377 (अप्राकृतिक अपराध) के तहत अपराध का दावा करने वाली पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को खारिज कर दिया.

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