मेघालय हाई कोर्ट ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि लड़की के योनि में पुरुष के लिंग का हल्का प्रवेश भी यौन उत्पीड़ने माना जाएगा. लिंग का प्रवेश हल्का हो या पूरा यह एक गंभीर अपराध है. इस मामले मे पॉक्सो अधिनियम के तहत ही कार्रवाई की जाएगी.
इसके साथ ही मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति डब्ल्यू डिएंगदोह की पीठ ने पोक्सो अधिनियम की धारा 5 (एम) के तहत दोषि को सजा सुनाई थी. निचली अदालत ने 7.5 साल की मासूम के साथ बलात्कार करने के आरोप में दोषी को 15 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी.
क्या है मामला
दोषी ने 10/- रुपये का लालच देकर बच्ची को जंगल में ले गया. जहां उसने यौन उत्पीड़न किया. मुकदमे के दौरान, पीड़िता 11 साल की हो गई है. चार साल पहले उसका यौन उत्पीड़न किया गया था. अदालत ने कहा कि आरोपी ने अपनी जांच के दौरान संहिता की धारा 313 के तहत विरोधाभासी बयान दिए थे, जिसके माध्यम से उसका अपराध सिद्ध हुआ.
'Penetrative Sexual Assault' Under POCSO Act Doesn't Require Deep Or Complete Penetration: Meghalaya High Court @ISparshUpadhyay https://t.co/gszCCtKpfd
— Live Law (@LiveLawIndia) October 25, 2022
(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)