मेघालय हाई कोर्ट ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि लड़की के योनि में पुरुष के लिंग का हल्का प्रवेश भी यौन उत्पीड़ने माना जाएगा. लिंग का प्रवेश हल्का हो या पूरा यह एक गंभीर अपराध है. इस मामले मे  पॉक्सो अधिनियम के तहत ही कार्रवाई की जाएगी.

इसके साथ ही मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति डब्ल्यू डिएंगदोह की पीठ ने पोक्सो अधिनियम की धारा 5 (एम) के तहत दोषि को सजा सुनाई थी. निचली अदालत ने 7.5 साल की मासूम के साथ बलात्कार करने के आरोप में दोषी को 15 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी.

क्या है मामला

दोषी ने 10/- रुपये का लालच देकर बच्ची को जंगल में ले गया. जहां उसने यौन उत्पीड़न किया. मुकदमे के दौरान, पीड़िता 11 साल की हो गई है. चार साल पहले उसका यौन उत्पीड़न किया गया था. अदालत ने कहा कि आरोपी ने अपनी जांच के दौरान संहिता की धारा 313 के तहत विरोधाभासी बयान दिए थे, जिसके माध्यम से उसका अपराध सिद्ध हुआ.

 

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