मुंबई में कुर्ला स्टेशन पर एक शख्स अचानक बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा. बेहोशी की हालत में  यात्री पर आरपीएफ कांस्टेबल मुकेश यादव की नजर पड़ी. उन्होंने तुरंत यात्री को सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) दिया और उसकी जान बचाई. बाद में यात्री को भाभा अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टर ने आरपीएफ स्टाफ द्वारा समय पर दिए गए सीपीआर की सराहना की, जिसके कारण यात्री की सांसें वापस आईं और उसकी जान बच गई. यात्री की हालत अब स्थिर है.

कैसे देते हैं सीपीआर

सीपीआर क्रिया करने में सबसे पहले पीड़ित को किसी ठोस जगह पर लिटा दिया जाता है और प्राथमिक उपचार देने वाला व्यक्ति उसके पास घुटनों के बल बैठ जाता है. सीपीआर में मुख्य रुप से दो काम किए जाते हैं. पहला छाती को दबाना और दूसरा मुंह से सांस देना जिसे माउथ टु माउथ रेस्पिरेशन कहते हैं. पहली प्रक्रिया में पीड़ित के सीने के बीचोबीच हथेली रखकर पंपिंग करते हुए दबाया जाता है. एक से दो बार ऐसा करने से धड़कनें फिर से शुरू हो जाएंगी.

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