भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आज सुप्रीम कोर्ट में दोषी आतंकवादी यासीन मलिक के संबंध में बड़ी सुरक्षा चूक पर गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखा. मलिक आज बिना बुलाए सुप्रीम कोर्ट में पेश हुआ था. दरअसल, तिहाड़ जेल के अधिकारियों की ओर से कड़ी सुरक्षा के बीच मलिक को सुप्रीम कोर्ट लाया गया था. सुप्रीम कोर्ट जम्मू की कोर्ट के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई कर रहा था.

पत्र में कहा गया है: “यह मेरा दृढ़ विचार है कि यह एक गंभीर सुरक्षा चूक है. यासीन मलिक जैसा आतंकवादी और अलगाववादी पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति, जो न केवल आतंकी फंडिंग मामले में दोषी है, बल्कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध जानता है, भाग सकता था, जबरन ले जाया जा सकता था या मारा जा सकता था. अगर कोई अप्रिय घटना घटती तो सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती. मामले को देखते हुए जब तक सीआरपी कोड की धारा 268 के तहत आदेश लागू है, जेल अधिकारियों के पास उसे जेल परिसर से बाहर लाने की कोई शक्ति नहीं थी और न ही उनके पास ऐसा करने का कोई कारण था.

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