मद्रास हाई कोर्ट ने हाल ही में फैमिली कोर्ट के एक आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें पत्नी को तलाक की याचिका के लंबित रहने के दौरान पति को अंतरिम रखरखाव के रूप में बीस हजार रुपये देने का निर्देश दिया गया था. अपीलकर्ताओं ने मुख्य रूप से तर्क दिया कि जब पति यह साबित करने में विफल रहा कि वह अपनी आजीविका चलाने में असमर्थ है तो अदालत को अंतरिम भरण-पोषण का निर्देश नहीं देना चाहिए था.

इसके अलावा, पति द्वारा दावा किया गया एकमात्र कारण यह है कि उसकी एंजियोप्लास्टी हुई है. आगे यह तर्क दिया गया कि एंजियोप्लास्टी बड़ी हार्ट सर्जरी नहीं है, जो व्यक्ति को अपंग कर दे और पति अभी भी व्यवसाय कर सकता है और अपनी आजीविका के लिए काम कर सकता है.

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