Madhya Pradesh: मिलावटी पनीर बेचने के आरोपी विक्रेता को मिली राहत, हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, ग्वालियर खंडपीठ ने हाल ही में एक विक्रेता को अग्रिम जमानत दी थी, जिस पर आरोप था कि वह जो पनीर बेच रहा था, वो मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त था.
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court), ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench) ने हाल ही में एक विक्रेता को अग्रिम जमानत दी थी, जिस पर आरोप था कि वह जो पनीर (Paneer) बेच रहा था, वो मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त था. न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन की पीठ ने पाया कि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे यह पता चल सके कि ग्राहकों ने पनीर को शुद्ध समझकर खरीदा, लेकिन बाद में यह मिलावटी पाया गया. मामले के तथ्य यह थे कि आवेदक की दुकान का निरीक्षण करते समय खाद्य निरीक्षक ने पनीर को जब्त कर लिया, जो खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 3 (1)(zz) के तहत मानव उपभोग के लिए असुरक्षित पाया गया. एफएसएसए (FSSA) के तहत आवश्यक रूप से आवेदक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई. इसके अलावा उन्होंने आवेदक के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 272, 273 के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई. गिरफ्तारी की आशंका को लेकर आवेदक ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद कोर्ट से उसे अग्रिम जमानत मिल गई है.
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