मद्रास हाई कोर्ट ने भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) को खर्चों की प्रतिपूर्ति के संबंध में आयुष उपचारों को एलोपैथी उपचारों के समान मानने का निर्देश दिया है. लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस आनंद वेंकटेश ने COVID-19 महामारी के दौरान आयुष डॉक्टरों द्वारा किए गए कार्यों पर जोर दिया, और कहा कि आयुष के तहत संक्रमित रोगी को पारंपरिक दवाओं की भी सिफारिश की गई जिससे कई रोगियों को राहत मिली.
Madras HC asserted that it would be irrelevant to deprive policyholders of getting reimbursements for the amount spent on #AYUSH treatments under the medical insurance.https://t.co/6RW8or4Fdt
— Mint (@livemint) December 6, 2023
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