हरियाणा में किसानों को अब पराली जलाने से छुटकारा मिलेगा. किसान जिसे कचरा समझ कर जला देते थे अब उसी पराली से बिजली बनेगी. जींद, कैथल, नरवाना और फतेहाबाद में पराली आधारित प्लांट लगाए जा रहे हैं. इतना ही नहीं इसी पराली से बिजली के साथ ही कम्प्रेस्ड बायो गैस का भी उत्पादन होगा जिसे छोटे वाहनों में इस्तेमाल किया जा सकेगा.

इस शुरुआत से एक तरफ जहां किसानों की बड़ी समस्या हल होगी वहीं वायु प्रदूषण भी कम होगा... साथ ही बिजली और कम्प्रेस्ड बायो गैस का भी उत्पादन होगा. बता दें कि पराली जलाना हमेशा से ही दिल्ली और आस-पास के राज्यों में भयंकर वायु प्रदूषण का कारण बनता है.

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