केंद्र सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल का मसौदा किया जारी कर दिया है. मसौदे के अनुसार, व्यक्तिगत डेटा उल्लंघन का अर्थ किसी भी अनाधिकृत प्रसंस्करण से है. साथ ही सरकार डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड बनाएगी. यही नहीं पेनाल्टी की मात्रा बढ़ाकर 500 करोड़ कर दी गई है. आईटी मंत्रालय ने डेटा प्रोटक्शन बिल का ड्राफ्ट जारी किया. बिल का नाम बदलकर डिजिटल डाटा प्रोटक्शन बिल रखा गया है. डेटा के गलत इस्तेमाल होने पर पेनाल्टी भी लगेगी.

बिल में दिए गए नियमों के तहत, कंपनियां जुर्माने के खिलाफ कोर्ट में अपील कर सकती हैं. कंपनियों को सरकार से मंजूर देशों में डेटा रखना होगा. इसके कानून बन जाने के बाद, कंपनियां चीन में डेटा नहीं रख सकेंगी.

इस बिल के तहत, किसी व्यक्ति के पर्सनल डेटा उल्लंघन का मतलब अनॉथराइज्ड डेटा प्रोसेसिंग से होगा. किसी व्यक्ति के पर्सनल डेटा के साथ छेड़छाड़ या नुकसान पहुंचाने पर भी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा अगर डेटा के जरिए व्यक्ति की प्राइवेसी से किसी तरह का समझौता होता है, तो भी सरकार एक्शन ले सकती है.

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