यूक्रेन में गोलाबारी में मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा के पिता ने बताया कि पीयूसी में 97% अंक हासिल करने के बावजूद मेरा बेटा राज्य में मेडिकल सीट हासिल नहीं कर सका. मेडिकल सीट पाने के लिए करोड़ों रुपये देने पड़ते हैं और छात्र कम पैसे खर्च करके विदेश में समान शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. दरअसल भारत में करीब 8 लाख छात्र एमबीबीएस के लिए परीक्षा देते हैं लेकिन इनमें से महज 1 लाख छात्रों को ही भारतीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिल पाता है. यही कारण है कि हर वर्ष हजारों की तादात में भारतीय छात्रों को यूक्रेन समेत अन्य देशों का रुख करना पड़ता है.
पीयूसी में 97% अंक हासिल करने के बावजूद मेरा बेटा राज्य में मेडिकल सीट हासिल नहीं कर सका। मेडिकल सीट पाने के लिए करोड़ों रुपये देने पड़ते हैं और छात्र कम पैसे खर्च करके विदेश में समान शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं: यूक्रेन में गोलाबारी में मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा के पिता pic.twitter.com/0tjR5wD4nq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 1, 2022
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