दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एक 16 वर्षीय नाबालिग को मेडिकल माध्यम से गर्भ को समाप्त करने की अनुमति दी. मामले में उसके पिता ने पहले प्रक्रिया के लिए अदालत में सहमति दी थी, लेकिन सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने की औपचारिकता को पूरा करने में वे विफल रहे थे.

नाबालिग को 24 सप्ताह के गर्भ को पूरा करने के लिए केवल दो या तीन दिन बचे थे इस बात को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने बाल कल्याण समिति द्वारा पीड़िता के अभिभावक के रूप में नियुक्त निर्मल छाया परिसर के अधीक्षक को सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी. पीड़िता पिछले साल 17 अक्टूबर से निर्मल छाया कॉम्प्लेक्स की कस्टडी में थी. कोर्ट ने कहा कि नाबालिग पीड़िता को ये जानते हुए कि वो खुद अपनी किशोरावस्था में है और मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार नहीं है.

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