कर्नाटक हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के तहत, एक बहू अपने सास-ससुर के खिलाफ भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती. जस्टिस वी श्रीशानंद की एकल न्यायाधीश पीठ ने एक बुजुर्ग दंपत्ति द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की और ट्रायल कोर्ट के 30 नवंबर, 2021 के आदेश को रद्द कर दिया. ट्रायल कोर्ट ने बुजुर्ग दंपत्ति को उनके मृतक पुत्र की पत्नी को 20,000 और उसके बच्चों को 5,000 रुपये देने का निर्देश दिया था.
S.125 CrPC | Daughter-In-Law Cannot Seek Maintenance From Parents-In-Law: Karnataka High Court | @plumbermushihttps://t.co/8VoeDMJZEz
— Live Law (@LiveLawIndia) March 11, 2024
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