छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि यदि कोई पति अपने कर्तव्यों का पालन करने के बजाय अत्यधिक शराब पीने में लिप्त है, तो यह उसकी पत्नी और उसके बच्चों सहित परिवार के लिए मानसिक क्रूरता होगी.

कोर्ट ने क्रूरता के आधार पर अपनी शादी को खत्म करने की पत्नी की याचिका को स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की. पीठ ने कहा कि इस मामले में पति ने अपने दो बच्चों की स्कूल फीस भी नहीं दी, जबकि उसकी पत्नी नौकरी पर नहीं थी. अदालत ने कहा कि पति द्वारा क्रूरता के कई आरोप उसकी कथित तौर पर अत्यधिक शराब पीने की आदतों के कारण लगे.

कोर्ट को बताया गया कि शराब पीने के बाद और नशे की हालत में पति अपनी पत्नी के साथ गाली-गलौज और मारपीट करता था. आगे यह भी कहा गया कि स्थिति इस हद तक बिगड़ गई कि उन्होंने शराब खरीदने के लिए घरेलू सामान तक बेच दिया.  दंपति के दो बच्चे थे, पति ने कभी भी उनकी स्कूल फीस का भुगतान नहीं किया. पति ने पत्नी के साथ दुर्व्यवहार किया और मारपीट की.

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