बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने अपनी मूकबधिर भाभी से बलात्कार (Rape) करने वाले व्यक्ति की जेल की सजा को बढ़ाते हुए कहा "एक बलात्कार के दोषी की अधिक उम्र और अदालत की सुनवाई में नियमित उपस्थिति कानून के तहत न्यूनतम सजा से कम सजा का कारण नहीं हो सकती है." आपको बता दें कि दोषी ने साल 2005 में अपनी भाभी के साथ रेप किया था.
Rape Convict's Advanced Age & Regular Attendance In Court No Reason For Lesser Sentence Than Minimum Punishment Under Law: Bombay High Court @CourtUnquote https://t.co/hP1Ien0Bmj
— Live Law (@LiveLawIndia) August 20, 2022
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