Bombay High Court: बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, बेटी से बलात्कार करने वाले शख्स की आजीवन कारावास की सजा रखी बरकरार

बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने एक बड़ा फैसला लिया हैं. हाल ही में एक 54 वर्षीय शख्स की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा हैं. शख्स ने अपनी ही 12 वर्षीय बेटी से बलात्कार किया था. न्यायमूर्ति विभा कंकनवाड़ी और अभय वाघवासे की खंडपीठ ने कहा कि प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) बच्चे की मां के आदेश पर झूठे आरोप का नतीजा नहीं थी.

बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने एक बड़ा फैसला लिया हैं. हाल ही में एक 54 वर्षीय शख्स की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा हैं. शख्स ने अपनी ही 12 वर्षीय बेटी से बलात्कार किया था. न्यायमूर्ति विभा कंकनवाड़ी और अभय वाघवासे की खंडपीठ ने कहा कि प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) बच्चे की मां के आदेश पर झूठे आरोप का नतीजा नहीं थी. पीठ ने कहा कि अपनी ही बेटी से बलात्कार करना एक जघन्य अपराध है और दी गई सजा पूरी तरह से कानूनी है. अदालत को राजू सूर्यवंशी द्वारा दायर एक आपराधिक अपील से अवगत कराया गया, जिसमें एक विशेष अदालत के अप्रैल 2016 के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसने उसे अपनी नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार के लिए दोषी ठहराया था.

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