मद्रास हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि आयुष डॉक्टर गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी और अन्य प्रसव पूर्व नैदानिक परीक्षण करने के हकदार नहीं हैं, जब तक कि वे गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीएनडीटी) अधिनियम और नियमों के तहत ऐसा करने के लिए योग्य नहीं हैं.
जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने कहा कि कोई भी डॉक्टर, चाहे वह एलोपैथिक दवा या दवा की किसी अन्य धारा का अभ्यास कर रहा हो, ऐसे नैदानिक परीक्षण केवल तभी कर सकता है, जब वे केंद्रीय पीएनडीटी अधिनियम के तहत योग्य डॉक्टर हों.
AYUSH doctors can't perform sonography, pre-natal tests on pregnant women without PNDT Act qualification: Madras High Court
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— Bar & Bench (@barandbench) May 29, 2023
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