लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार, इलाहाबाद हाई कोर्ट की दो-न्यायाधीशों की बेंच ने पारिवारिक अदालत के आदेश के खिलाफ व्यक्ति की अपील को स्वीकार कर लिया और कहा कि पति या पत्नी को लंबे समय तक अपने साथी के साथ पर्याप्त कारण के बिना यौन संबंध बनाने की अनुमति नहीं देना, मानसिक क्रूरता के बराबर है. HC on Child Custody: बच्चे की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बदला जा सकता कस्टडी का आदेश; पटना हाई कोर्ट.
शख्स ने फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की थी और कहा था कि उसकी पत्नी उससे कोई संबंध बनाने से इनकार कर रही है. जब पारिवारिक अदालत ने उसकी तलाक याचिका खारिज कर दी, तो उस व्यक्ति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.
'Not Allowing Spouse To Have Sexual Intercourse For A Long Time Amounts To Mental Cruelty': Allahabad High Court @ISparshUpadhyay #AllahabadHC #MentalCruelty #Divorcehttps://t.co/0JUOyKXtqE
— Live Law (@LiveLawIndia) May 24, 2023
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