गजब! 41000 रुपये का एक चूहा! रेलवे ने चूहों को पकड़ने के लिए खर्च किए 69 लाख, RTI में हुआ खुलासा

एक आरटीआई के जवाब में उत्तर रेलवे ने कहा है कि उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल द्वारा प्रति चूहा पकड़ने पर करीब 41 हजार रुपए खर्च किए गए हैं.

Railways Spent Rs 69 Lakh To Catch Rats: भारतीय रेलवे ने एक चूहा पकड़ने के लिए 41 हजार रुपये खर्च कर दिए. बाकायदा एक आरटीआई के जवाब में उत्तर रेलवे ने कहा है कि उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल द्वारा प्रति चूहा पकड़ने पर करीब 41 हजार रुपए खर्च किए गए हैं.

मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर ने सवाल किया था कि उतर रेलवे को चूहा पकड़ने पर कितना खर्चा आता है. जवाब में बताया गया कि उत्तर रेलवे के लखनऊ डिवीजन ने 168 चूहों को पकड़ने के लिए वर्ष 2020 से 2022 के बीच 69.5 लाख रुपये खर्च किए.

प्रति वर्ष चूहा पकड़ने पर 23.2 लाख रुपये की राशि खर्च हुई. अब अगर प्रति चूहे का हिसाब किया जाए तो प्रति चूहा पकड़ने पर 41 हजर रुपये से थोड़ा अधिक खर्च किया गया.

आरटीआई जवाब के अनुसार, "मैसर्स सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन, गोमती नगर, लखनऊ” को अनुबंध के आधार पर चूहे को फंसाने के लिए काम पर रखा गया है. यह अनुबंध 2019 से जारी है. अंबाला डिवीजन ने कहा कि अप्रैल 2020 और मार्च 2023 के बीच, उसने कीट नियंत्रण, कृंतक नियंत्रण और धूमन उपचार के लिए 39.3 लाख रुपये खर्च किए. लेकिन उसने यह नहीं बताया कि चूहा पकड़ने पर अलग से खर्च की जानकारी क्या है.

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