पॉर्न फिल्मों के मामले में गिरफ्तार राज कुंद्रा (Raj Kundra) को कोर्ट ने फिलहाल के लिए 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. राज कुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद देश में पोर्नोग्राफी (Pornography) का मुद्दा काफी चर्चा में हैं. हालांकि शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) और उनके वकील दावा करते रहे हैं कि राज कुंद्रा अश्लील फिल्मों के बिजनेस में थे ना कि पोर्न फिल्में बनाते थे. ऐसे में सवाल उठता है हमारे देश का कानून इस पूरे मामले में क्या कहता है? पोर्न देखने से लेकर उसे बनाने तक से लेकर क्या क्या है गैर-कानूनी?
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम 2000, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम 2012 के प्रावधान अश्लील साहित्य के बारे में बात करते हैं.
पोर्न देखना नहीं है गैर कानूनी
भारत में पोर्न बंद कमरें में देखना गैर कानूनी नहीं है. जुलाई 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से टिप्पणी की थी कि एक एडल्ट अपने कमरे गोपनीय तरीके से अगर पोर्न फिल्म देखता है तो वो उसके स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के रूप में आता है.
पोर्न फिल्मों का प्रकाशन और प्रसारण अवैध है
टेक्नोलॉजी से पहले आईपीसी के धारा 292 अश्लील पुस्तक, ड्राइंग, पेंटिंग बिकी और सार्वजनिक प्रदर्शनी से संबंधित थी. इसमें कहा गया था कि कोई भी ऐसा सामग्री को अश्लील माना जायगा जो कामुक या मूल हित को अपील करता है. या इसका इस्तेमाल किसी व्यक्ति को भ्रष्ट और भ्रष्ट करने के लिए किया जाता है.
IPC की धारा 293 के तहत 20 साल से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को अश्लील वस्तुओं को बेचना, वितरित करना, प्रदर्शित करना या सर्कुलर करना गैर कानूनी बनाती है. जबकि सेक्शन 67 और 67अ इलेक्ट्रॉनिक रूप में यौन स्पष्ट कृत्यों आदि वाली सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करने के लिए अवैध बनाकर दंड प्रदान करती है. जिसमें ऐसी सामग्री जो कामुक की तरफ अपील करता हो या फिर इस देखने, पढ़ने, सुनने वाले लोग भ्रष्ट और भ्रष्ट करने के लिए प्रेरित करता हो. यह दंडनीय है. ऐसा करने वाले को 3 साल की जेल और 5 लाख रुपए का जुर्मना हो सकता है. जबकि 67अ के तहत 5 साल की सजा और साथ में 10 लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है.
बिना सहमित किसी की प्राइवेट तस्वीरें और वीडियो बनाना, लीक करना भी अवैध है
आईटी अधिनियम की धारा 66ई के मुताबिक गोपनीयता का उल्लंघन सजा प्रदान करती है. जानबूझकर किसी व्यक्ति के प्राइवेट पार्ट की छवि कैप्चर, प्रकाशित या प्रसारित करना अवैध है. इस मामले में 3 साल की सजा और 2 लाख का जुर्माना है.