FACT CHECK: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर बंदर ने किया हमला? AI जनरेटेड निकला वायरल वीडियो, फैक्ट चेक में हुआ खुलासा
वीडियो में अमित शाह को सरकारी अधिकारियों के साथ एक बिल्डिंग के बाहर खड़े देखा जा सकता है, तभी अचानक एक बंदर उन पर झपटता है.
FACT CHECK: सोशल मीडिया पर हाल ही में एक चौंकाने वाला वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर एक बंदर ने हमला कर दिया. वीडियो में अमित शाह को सरकारी अधिकारियों के साथ एक बिल्डिंग के बाहर खड़े देखा जा सकता है, तभी अचानक एक बंदर उन पर झपटता है. वीडियो को कई लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया और तरह-तरह की बातें की जाने लगीं. लेकिन अब इस वीडियो की सच्चाई सामने आ चुकी है. PTI की फैक्ट चेक टीम ने इस वायरल वीडियो की पड़ताल की और पाया कि यह वीडियो AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से बनाया गया है और पूरी तरह से फर्जी है.
अमित शाह पर बंदर के हमले वाला वीडियो निकला फर्जी
शाह की ये तस्वीर 1 जून 2019 की है
PTI ने वीडियो को InVid टूल से एनालाइज किया, जिसमें कई कीफ्रेम (महत्वपूर्ण स्क्रीनशॉट) निकाले गए. इन कीफ्रेम्स को जब Google Lens के जरिए रिवर्स इमेज सर्च किया गया, तो पाया गया कि यह वीडियो पहले भी कई सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर किया गया था, लेकिन सबका स्रोत एक ही था – एक पुरानी तस्वीर. दरअसल, यह तस्वीर 1 जून 2019 की है, जब अमित शाह ने गृह मंत्री का पदभार ग्रहण किया था. उस समय वो नॉर्थ ब्लॉक में अधिकारियों के साथ खड़े थे.
इस तस्वीर को The Financial Express ने भी प्रकाशित किया था, लेकिन उसमें बंदर के हमले जैसी किसी घटना का कोई जिक्र नहीं था. PTI ने यह भी पाया कि उसी कार्यक्रम को लेकर देश के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने रिपोर्टिंग की थी, लेकिन कहीं भी बंदर के हमले का जिक्र नहीं था.
वीडियो को AI के जरिए तैयार किया गया
जब वीडियो को बारीकी से जांचा गया, तो उसमें कई तकनीकी खामियां पाई गईं. खासकर सुरक्षाकर्मियों की हरकतें और उनकी चाल-ढाल काफी अप्राकृतिक और अजीब दिखी. इससे यह संदेह और पुख्ता हुआ कि वीडियो को AI के जरिए तैयार किया गया है.
इसके बाद वीडियो को एक खास टूल Cantilux (AI डिटेक्शन टूल) से स्कैन किया गया. टूल की रिपोर्ट में बताया गया कि वीडियो में डिस्टॉर्शन (विकृति) और आर्टिफैक्ट्स (बनावटी पिक्सल) पाए गए, जो अक्सर AI से बने नकली वीडियो में ही देखने को मिलते हैं.
वायरल वीडियो बिना जांचे शेयर न करें
इस तरह, यह पूरी तरह साफ हो गया कि अमित शाह पर बंदर के हमले का वीडियो फर्जी है और लोगों को भ्रमित करने के मकसद से वायरल किया गया है. लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी भी वायरल वीडियो या तस्वीर को बिना जांचे-परखे शेयर न करें.