Video: बीच चौराहे फिल्मी स्टाइल में पुलिस कांस्टेबल ने मोस्ट वांटेड अपराधी को दबोचा, CCTV में कैद हुई घटना
CCTV Footage | X

बेंगलुरु: एक पूर्व सेना हवलदार जो अब बेंगलुरु में पुलिस कांस्टेबल है उन्होंने सोमवार सुबह एक कुख्यात अपराधी को फिल्मी अंदाज में पकड़ा. कोराटागेरे पुलिस स्टेशन के एक पुलिस कांस्टेबल ने कुख्यात चोर को पकड़ने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. 40 से अधिक मामलों में वांछित एक कुख्यात अपराधी को पकड़ने के लिए वह बीच चौराहे पर भागे और उसे धर दबोचा.

VIDEO: स्टंटमैन की बेटी है क्या? 16वीं मंजिल पर खिड़की साफ कर रही थी महिला, देखें खतरनाक वायरल वीडियो.

मामला बेंगलुरु के सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन जंक्शन का है. तुमकुरु जिले के कोराटेगेरे पुलिस स्टेशन के 50 वर्षीय डोड्डालिंगैया केएल ने जिस चोर को पकड़ा है, वह बहुत खातिर है. उसका नाम एस मंजेशा उर्फ 420 मंजा उर्फ होट्टे मंजा उर्फ चौल्ट्री मंजा है. डोंड्डालिंगैया का साथ यातायात पुलिस सहायक उपनिरीक्षक मायाम्मा ने दिया. पूरी घटना वहां पास में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई.

CCTV में कैद हुई पूरी घटना

ऐसे धोखाधड़ी करता था आरोपी

20 जून को हेसरघट्टा निवासी स्कूटर सवार मंजा ने कोराटेगेरे शहर में एक बुजुर्ग महिला को टारगेट किया. महिला अस्पताल से बाहर आ रही थी. उसने महिला से कहा कि उसकी 1,000 रुपये की वरिष्ठ नागरिक पेंशन को बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दिया गया है और उसे अतिरिक्त पैसे पाने के लिए एक फॉर्म भरना होगा.

वह महिला को अपने स्कूटर पर बिठाकर एक बैंक तक ले गया और वहां उसे अपने सोने के आभूषण उतारने को कहा, यह दावा करते हुए कि उसे अधिकारियों के सामने गरीब व्यक्ति के रूप में दिखाना होगा. मंझा ने आभूषण अपने पास रख लिए और कहा कि वह फॉर्म लाने जा रहा है, लेकिन वहां से भाग गया.

सीसीटीवी से किया ट्रैक

मंजा शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे में वह कैद हो गया. तुमकुरु कमांड सेंटर ने सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया और उसके स्कूटर (पंजीकरण संख्या KA-64-L-2052) को बेंगलुरु के हेसरघट्टा तक ट्रैक किया, लेकिन उसका पता नहीं चल पाया. उसकी तस्वीर पुलिस समूहों में साझा की गई, जिसके बाद पता चला कि आरोपी मंजा था, जो बेंगलुरु पुलिस का वांछित एक आदतन अपराधी था.

फिल्मी अंदाज में गिरफ्तारी

डोडलिंगैया, जिन्होंने पहले भारतीय सेना में हवलदार के रूप में सेवा की थी, उन्होंने अपनी सतर्कता और तेज बुद्धि से मंझा को पकड़ने की योजना बनाई. उन्होंने ट्रैफिक पुलिस सहायक उपनिरीक्षक मायम्मा की मदद ली और दोनों ने मिलकर सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन के पास मंझा को दबोच लिया.