Two Years of India's Janta Curfew: ठीक दो साल पहले, 22 मार्च को, 'जनता कर्फ्यू' लगाया गया था. दो दिन बाद घोषित किए गए लॉकडाउन ने बड़े पैमाने पर पलायन को गति दी, जिसे भारत ने आजादी के बाद से नहीं देखा था. एक ही झटके में उनकी आजीविका छिन गई, बेसुध लाखों लोग अनेक बाधाओं से जूझते हुए घर लौट आए. सड़को पर अपने बच्चों और परिवार को लिए पैदा चलता हुआ लोगों का हुजूम दिखाई दिया. इस दौरान प्यास और बिना खाने के कई लोगों की यह भयावह दृश्य कभी भी भूलाया नहीं जा सकता. यह भी पढ़ें: Kanpur Stadium Gutkha Viral Memes: कानपुर स्टेडियम में शख्स का गुटखा खाते हुए वीडियो वायरल, इंटरनेट पर आयी मीम्स और जोक्स की बाढ़
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को शांत रहने और भारतीयों से जितना संभव हो सके घर के अंदर रहने का आग्रह किया. और राष्ट्र को को संबोधित किया कि ऐसे ही कोरोनोवायरस महामारी से लड़ा जा सकता है. प्रधान मंत्री ने राष्ट्र के नाम एक टेलीविज़न संबोधन में, 22 मार्च रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक 'जनता कर्फ्यू' की घोषणा की, ताकि देश में पहले से ही चार लोगों की जान और कम से कम 169 अन्य लोगों को संक्रमित करने वाले कोरोनावायरस के प्रसार को रोका जा सके.
जनता कर्फ्यू की घोषणा ने सार्वजनिक क्षेत्रों में नागरिकों की आवाजाही को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया, खाद्य सेवाओं को रोक दिया गया और हजारों लोग प्रमुख भारतीय शहरों से बाहर चले गए. जनता कर्फ्यू के दो साल पूरे होने पर आज ट्विटर पुरानी यादों, जोक्स और मीम्स से भरा हुआ है जो आपको मिली-जुली भावनाएँ देगा.
देखें पोस्ट:
2nd anniversary of #JantaCurfew pic.twitter.com/0Iwm0Y5xkb
— Rz_tweetz (@Rz_tweetz) March 22, 2022
जनता कर्फ्यू:
#JantaCurfew....
With clapping, beating thalis and bell ringing on 22nd March, 2020.. we thanked our COVID warriors . pic.twitter.com/qsCvWWxDQX
— Varsha saandilyae (@saandilyae) March 22, 2022
टॉप विनर:
2 years of #JantaCurfew 😂
Top winners of Thaali bajao abhiyan: pic.twitter.com/9zzzPH5rUQ
— ThikThaak (@ThikThaak) March 22, 2022
जनता कर्फ्यू एनिवर्सरी:
22nd March , 2nd anniversary of #JantaCurfew 😀😂 pic.twitter.com/xzePid5Ucw
— Monika Sharma (@moni_tiwari) March 22, 2022
लॉकडाउन के कारण, 10 मई तक 350 से अधिक मौतों की सूचना दी गई थी, जिसमें भुखमरी, आत्महत्या, थकावट, सड़क और रेल दुर्घटना, पुलिस की बर्बरता और समय पर चिकित्सा देखभाल से इनकार जैसे कारण शामिल थे. रिपोर्ट की गई मौतों में, अधिकांश मार्जनलाइज प्रवासियों और मजदूरों में से थे. भारत पहले से ही लंबे समय से आर्थिक मंदी का सामना कर रहा था. जीडीपी विकास दर जनवरी-मार्च 2018 में 8.2% से गिरकर जनवरी-मार्च 2020 में 3.1% हो गई थी.