मध्यप्रदेश: पिछले 60 साल से सिर्फ चाय और पानी पर जिंदा हैं सरस्वती बाई, खेतों में घंटों करती हैं काम
इंसान एक दिन व्रत नहीं रख पाता है, इस दौरान उनके दिलो दिमाग में दुनिया भर के स्वादिष्ट पकवान घूमते रहते हैं. सबको इंतजार रहता है कि कब व्रत खत्म हो और वो स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सके. लेकिन आपको जो हम बताने जा रहे हैं उस पर आप विश्वास नहीं करेंगे...
इंसान एक दिन व्रत नहीं रख पाता है, इस दौरान उनके दिलो दिमाग में दुनिया भर के स्वादिष्ट पकवान घूमते रहते हैं. सबको इंतजार रहता है कि कब व्रत खत्म हो और वो स्वादिष्ट भोजन
का आनंद ले सके. लेकिन आपको जो हम बताने जा रहे हैं उस पर आप विश्वास नहीं करेंगे. मध्य प्रदेश के धामनोद की सरस्वती बाई पिछले 60 साल से सिर्फ चाय और पानी के दम पर जिंदा हैं और उनका स्वस्थ्य भी काफी अच्छा है. यही नहीं उनके पांच बच्चे हैं और डिलीवरी के दौरान भी उन्होंने बिना कुछ खाए सभी बच्चों को जन्म दिया. वो घंटो कड़ी धूप में काम करती हैं, लेकिन उन्हें थोड़ी भी कमजोरी महसूस नहीं होती है.
सरस्वती बाई के अन्न न खाने के पीछे एक कहानी है, जिसके अनुसार बहुत छोटी सी उम्र में उनकी शादी हो गई थी और कम उम्र में ही उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया. बच्ची के जन्म के बाद उन्हें टाईफाइड हो गया, जिसकी वजह से उनकी आंत सिकुड़ गई वो जो भी खाती थी उल्टी कर देती थीं. बहुत इलाज के बाद वो ठीक हो गईं लेकिन उन्हें अन्न से नफरत हो गई.
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ठीक होने के बाद भी वो अन्न नहीं खा पाती थी और अगर खाती थी तो उल्टी कर देती थीं. उनका बहुत से डॉक्टर्स से इलाज करवाया गया लेकिन कोई भी डॉक्टर उनका खाना शुरू नहीं करवा पाया. वो पिछले 60 साल से चाय और पानी के दम पर जिंदा हैं. कभी-कभी एक केला खा लेती हैं.