भारत में है एक सबसे अनोखा मंदिर- जहां भगवान हनुमान और उनकी पत्‍नी सुवर्चला देवी की होती है पूजा
भगवान हनुमान जी ( फोटो क्रेडिट: YOU Tube )

महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥ कंचन बरन बिराज सुबेसा ,कानन कुण्डल कुंचित केसा॥. इस मंत्र की ध्वनी कान में पड़ते ही बजरंगबली( Lord Hanuman ) का नाम सामने आ जाता है. वैसे भगवान हनुमान जी से जुड़ी ऐसी कई कथाएं हैं जिन्हें सुनकर रोमरोम पुलकित हो उठता है. हनुमान जी के ब्रह्मचारी रूप से तो सभी परिचित हैं. भगवान हनुमान उन्हें बाल ब्रम्हचारी भी कहा जाता है...लेकिन क्या अपने कभी सुना है की हनुमान जी का विवाह भी हुआ था. सुनकर यकीन करना थोड़ा मुश्किल है. लेकिन यह सच है.

भारत के तेलंगाना (Telangana) के खम्मम जिले में हनुमान जी और उनकी पत्नी सुवर्चला का यह मंदिर है. इस मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. यह मंदिर अपने आप में बेहद अनोखा है. इस मंदिर में भगवान हनुमान और सुवर्चला दोनों की मूर्तियां हैं जिसकी विधिवत पूजा होती है. यहां पर रहने वाले स्थानीय लोग हर साल ज्येष्ठ शुद्ध दशमी को हनुमान जी के विवाह के रूप में विशेष त्योहार की तरह से मनाते हैं.

यह भी पढ़ें:- मंगलवार के दिन करें इन मंत्रो का जाप, मिलेगी बजरंगबली की कृपा-दूर होंगे सारे संकट

इस वजह से हुई थी हनुमान जी की शादी

प्राचीन ग्रंथ पराशर सहिंता के अनुसार हनुमान जी ने 9 विद्याएं सिखने गए थे. इन 9 गुणों को सिखने के लिए उन्होंने प्रण ले रखा था. लेकिन उन्हें सूर्यदेव ने सिर्फ 5 विधाएं सिखाने के बाद आगे सिखाने से इनकार कर दिया था. क्योंकि अन्य 4 विद्याओं को सिखने के लिए शादीशुदा होना जरूरी था. हनुमान जी लेकिन अपना ब्रम्हचर्य नहीं खोना चाहते थे. लेकिन फिर बाद में हुनमान जी को सूर्यदेव ने समझाया और वे शादी के मान गए. जिसके बाद ने हनुमान जी सूर्यदेव की बेटी से शादी कर ली.

सूर्यदेव ने यह भी बताया कि सुवर्चला से विवाह के बाद भी तुम हमेशा बाल ब्रहम्चारी ही रहोगे. सूर्यदेव ने कहा कि शादी के बाद सुवर्चला पुन:तपस्या में लीन हो जाएगी. यही कारण है कि उनके ब्रम्हचर्य पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा और सदैव हनुमान जी ब्रम्हचारी कहलाए.