इस्लामाबाद, 17 अगस्त: पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस (14 अगस्त, 2024) पर इस्लामाबाद में एक महिला के साथ हुई बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में दिखाया गया है कि किस तरह एक महिला, जो एक पुरुष के साथ चल रही थी, को भीड़ द्वारा परेशान और अपमानित किया गया.
भीड़ ने महिला का मजाक उड़ाया और उसे डराने के लिए अजीबोगरीब आवाजें निकालीं. यह घटना पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर हुई, जिससे वीडियो को देखने वाले लोगों में गुस्सा और आक्रोश पैदा हुआ.
14 August Scenes from Isb. 🥺 pic.twitter.com/jXaHhDiFWX
— Han🐥Nah (@Yogurtbeaches) August 15, 2024
वीडियो में दिखाया गया है कि महिला ने भीड़ से लड़ने की कोशिश की और उन्हें कड़ी प्रतिक्रिया दी, लेकिन इस शर्मनाक भीड़ पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. भीड़ ने महिला का उत्पीड़न जारी रखा, जबकि उसके साथ चल रहा पुरुष भीड़ से ऐसा न करने की विनती करता रहा.
Yes very sad but it's about mindset of the qoum in general we need to reeducate the masses about ethics
— Han🐥Nah (@Yogurtbeaches) August 16, 2024
इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर 'HanNah@Yogurtbeaches' नाम के एक अकाउंट से साझा किया गया. वीडियो को देखते ही देखते हजारों प्रतिक्रियाएं और व्यूज मिले.
Absolutely Disgusting.
— Chatty (@Chatty_1999) August 16, 2024
पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स ने सार्वजनिक शिष्टाचार में गिरावट और भीड़ के शर्मनाक व्यवहार की आलोचना की, जिसमें छोटे बच्चे भी शामिल थे. वीडियो अपलोड करने वाले ने युवाओं में अच्छे नैतिक मूल्यों के विकास की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.
— Han🐥Nah (@Yogurtbeaches) August 16, 2024
वीडियो के अपलोडर ने एक और क्लिप साझा की, जिसमें दिखाया गया था कि इस घटना में शामिल एक व्यक्ति ने पहले भी एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को इसी तरह परेशान किया था.
वीडियो को साझा करने वाले व्यक्ति और अन्य यूजर्स ने इस बात पर जोर दिया कि बड़ी संख्या में लोगों की मानसिकता बदलने की आवश्यकता है ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. नेटिज़न्स ने इस घटना पर अपनी घृणा व्यक्त की और इसे शर्मनाक करार देते हुए अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
यह शर्मनाक घटना एक बार फिर महिलाओं को उनके दैनिक जीवन में आने वाली चुनौतियों की याद दिलाती है और नीति निर्माताओं से गहन आत्ममंथन की आवश्यकता की ओर इशारा करती है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और अपराधियों को सजा दी जा सके.