Mumbai: टिकट चेकर ने मराठी कपल को हिंदी में बात करने के लिए किया मजबूर, हिरासत में लिया; घटना के बाद सस्पेंड
टिकट चेकर की दादागिरी | X

मुंबई: नालासोपारा में एक विवादास्पद घटना सामने आई है, जहां पश्चिम रेलवे के एक टिकट चेकर (टीटीई) ने मराठी दंपति को हिंदी में बात करने के लिए मजबूर किया और उन्हें रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कार्यालय में हिरासत में रखा गया. इस घटना के बाद मराठी एकीकरण समिति ने प्रदर्शन किया और टीटीई को निलंबित कर दिया गया है.

यह घटना सोमवार को सामने आई. मराठी दंपति के पास वैध रेलवे टिकट था, लेकिन टिकट चेकर (राकेश मौर्य) ने उनसे हिंदी में बात करने की मांग की. उसने दंपति से कहा, "यदि आप भारत में हैं, तो आपको हिंदी आनी चाहिए." इस पर दंपति ने आपत्ति जताई और मराठी में बात करने की इच्छा व्यक्त की, लेकिन उन्हें मजबूर किया गया कि वे एक कागज पर लिखें, "हम कभी मराठी में बात करने की मांग नहीं करेंगे."

दंपति ने इस घटना को अपने फोन पर रिकॉर्ड कर लिया था, लेकिन उन्हें वह वीडियो डिलीट करने के लिए भी मजबूर किया गया. इसके बाद उन्हें रेलवे सुरक्षा बल के कार्यालय में लंबा समय बैठाए रखा गया और फिर हिरासत में ले लिया गया. इस घटना ने मराठी समुदाय में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है.

टिकट चेकर ने हिंदी बोलने के लिए किया मजबूर

इस घटना के बाद मराठी एकीकरण समिति के सदस्यों ने नालासोपारा स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया और इस घटना को "मराठी भाषा का अपमान" बताया. समिति का कहना है कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा का अपमान किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उन्होंने रेलवे अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

रेलवे का बयान

पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि टीटीई को ड्यूटी से हटाकर जांच की जा रही है. उन्होंने कहा, "हमारे लिए सभी धर्मों, भाषाओं और क्षेत्रों के यात्री समान हैं, और हमारा उद्देश्य उन्हें सर्वश्रेष्ठ सेवा प्रदान करना है. मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी, और अगर टीटीई की गलती पाई जाती है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी." वसई जीआरपी ने भी संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है. इस मामले ने महाराष्ट्र में भाषा और सांस्कृतिक पहचान के मुद्दे को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है.