मध्य प्रदेश: विदिशा में दो महीने पहले गिरा दशकों पुराना पीपल का पेड़ अपने आप हुआ खड़ा, जानें यह चमत्कार है या कुछ और?
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

विदिशा: हमारे देश में हर कोई चमत्कार (Miracle) को नमस्कार करता है. चमत्कार को नमस्कार करने का एक चौंकाने वाला मामला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) स्थित विदिशा (Vidisha) के एक गांव से सामने आया है, जहां दो महीने पहले गिरा दशकों पुराना पीपल का पेड (Peepal Tree)  अचानक फिर से खड़ा हो गया है. स्थानीय लोग इस घटना को चमत्कार मानकर इसके आगे नतमस्तक हो रहे हैं तो वहीं वैज्ञानिक नजरिए से इसे गुरुत्वाकर्षण शक्ति (Force Of Gravity) से जोड़कर देखा जा रहा है. बताया जा रहा है कि विदिशा के छपारा गांव में स्थित देवी माता के मंदिर परिसद में मौजूद दशकों पुराना पीपल का पेड़ दो महीने पहले तेज आंधी के कारण गिर गया था, लेकिन अब यह पेड़ न सिर्फ फिर से खड़ा हो गया है, बल्कि पहले की तरह हरा-भरा भी हो गया है.

इस घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन की ओर से 5 सदस्यीय तकनीकी टीम मौके पर पहुंची और इस टीम ने इसे चमत्कार मानने से इनकार करते हुए भौतिक घटना करार दिया. एक्सपर्ट वैज्ञानिकों की टीम का कहना है कि बारिश में जड़ों के भीगने से इस वृक्ष की गुरुत्वाकर्षण शक्ति बढ़ गई, जिसके कारण यह पेड़ फिर से खड़ा हो गया.

उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि पेड़ की शाखाओं के कटने से उसके तने का वजन जड़ वाले हिस्से से कम हो गया. वृक्ष के गिरने के बाद पेड़ की जड़ों ने जाम फ्लोइंग प्रक्रिया के तहत पेड़ को पानी और भोजन मुहैया कराया, जिससे इसके जड़ों में जमीन की तरफ खिंचाव बढ़ने लगा और गुरुत्वाकर्षण शक्ति बढ़ने के कारण ही यह पेड़ फिर से खड़ा हो गया है. यह भी पढ़ें: चमत्कार! ओडिशा के महानदी से अचानक बाहर आया 500 साल पुराना गोपीनाथ देव मंदिर, भगवान विष्णु को है समर्पित

हालांकि एक्सपर्ट्स के इस तर्क से परे गांव वाले इस घटना को अलौकिक मानकर चमत्कार को नमस्कार कर रहे हैं. इस घटना को दैविक चमत्कार मानकर लोग घटना स्थल पर पहुंच रहे हैं, ऐसे में प्रशासन को इस बात की भी चिंता सता रही है कि अगर घटना स्थल पर लोगों की भीड़ उमड़ने लगी तो इससे सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो सकता है और कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है, लिहाजा प्रशासन ने घटना स्थल पर लोगों की भीड़ उमड़ने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.