उत्तर कोरिया के तानाशाह ने पिता के शव का नहीं किया अंतिम संस्कार, बॉडी को संभालने के लिए हर साल खर्च होते हैं इतने करोड़
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग का नाम लेते ही उसकी सारी क्रूरता आंखों के सामने आ जाती है. अपनी हैवानियत के लिए वो पूरी दुनिया में मशहूर है. किम जोंग से जुड़ी एक और बात सामने आई है...
उत्तर कोरिया (North Korea) के तानाशाह किम जोंग (Kim Jong) का नाम लेते ही उसकी सारी क्रूरता आंखों के सामने आ जाती है. अपनी हैवानियत के लिए वो पूरी दुनिया में मशहूर है. किम जोंग से जुड़ी एक और बात सामने आई है वो ये कि उसने अपने पिता किम जोंग-इल (Kim Jong-il) और दादा किम इल-सुंग (Kim Il-sung) की लाशों को अब तक संभालकर रखा है. दोनों लाशों को जवान और फ्रेश रखने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं. इन लाशों को रखने के लिए कुमसुसन मेमोरियल पैलेस (Kumsusan Memorial Palace) बनवाया है. इस पैलेस की देखभाल सैकड़ों सैनिक करते हैं.
किम जोंग के पिता और दादा की लाश को संभालने का काम मशहूर लेनिन लैब (Lenin Lab) करती है. इसके वज्ञानिकों ने आज तक दोनों लाशों को अच्छी तरह से संभालकर रखा है. इन लाशो को शवलेपन (Embalming) के जरिए लचीला और जवान रखा जाता है. लाशो का लेपन मॉस्को (Moscow) में बनी लेनिन लैब में ही होता है. लेकिन किम जोंग के पिता और दादा का शवलेपन प्योंगयांग (Pyongyang) में बनी लैब में ही होता है. इन लाशों के लेपन में कई महीनों का वक्त लगता है.
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मॉस्को के वैज्ञानिक डेढ़ से दो साल के अंतराल पर लाशों का लेपन करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इन लाशों के रख रखाव के लिए 1.41 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं. कुमसुसन मेमोरियल पैलेस के पास से गुजरने वाले यात्रियों को किम जोंग के पिता और दादा के शव के सामने तीन बार झुकना पड़ता है.
किम जोंग को उसकी तानाशाही के लिए जाना जाता है. उसे जो अच्छा लगता है वो वही करता है, चाहे वो समाज और कानून के खिलाफ ही क्यों न हो. किम जोंग ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी है. ये लोगों को उनकी गलतियों की सजा बड़ी ही बेरहमी से देता है. इसने एक टॉर्चर रूम बनाया है, जहां इंसान जाता तो जिन्दा है लेकिन आता मुर्दा है.