भारत का सबसे खतरनाक किला, कहा जाता है कि सूरज ढलने के बाद यहां घूमते हैं भूत-प्रेत, देखें वीडियो

भारत अजीबो-गरीब घटनाओं और जगहों के लिए मशहूर है. यहां कई ऐसी जगह और किले है जहां दिन ढलने के बाद भूत-प्रेत घूमते हैं. ऐसा ही एक भूतहा किला महाराष्ट्र के माथेरान और पनवेल के बीच है. इस किले को भारत के सबसे खतरनाक किलों में गिना जाता है. ...

प्रबलगढ़ फोर्ट, (फोटो क्रेडिट्स: YouTube)

भारत अजीबो-गरीब घटनाओं और जगहों के लिए मशहूर है. यहां कई ऐसी जगह और किले है जहां दिन ढलने के बाद भूत-प्रेत घूमते हैं. ऐसा ही एक भूतहा किला महाराष्ट्र के माथेरान और पनवेल के बीच है. इस किले को भारत के सबसे खतरनाक किलों में गिना जाता है. इस किले को कलावंती किले के नाम से भी जाना जाता है. ये किला 2300 फिट ऊँची पहाड़ी पर बना हुआ है. यहां बहुत से लोग घूमने के लिए आते हैं लेकिन सूरज ढलने से पहले चले जाते हैं. सूरज ढलने के बाद यहां मीलों दूर तक सन्नाटा पसर जाता है. इस किले तक पहुंचने के लिए चट्टानों को काटकर सीढियां बनाई गई है. ये सीढ़ियां बहुत ही खतरनाक हैं इसमें न तो रेलिंग है और न ही रस्सी. इस पर चढ़ते वक्त कई लोग गिर चुके हैं और उनकी मौत भी हो चुकी है. पहले इस किले का नाम मुरंजन किला था लेकिन शिवाजी महाराज के इस किले पर कब्जे के बाद इसका नाम रानी कलावंती के नाम पर कलावंती रख दिया. इसका निर्माण बहमनी सल्तनत के दौरान पनवेल और कल्याण किले की निगरानी के लिए किया गया था. 1458 AD में अहमदनगर सल्तनत के प्रधानमंत्री मालिक अहमद ने कोंकण पर जीत के साथ ही इस किले पर कब्जा कर लिया.

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प्रबलगढ़ किले पर चढ़ने के पास कई किलोमीटर तक का सुंदर नजारा दिखाई देता है. मुंबई का कुछ हिस्सा भी इस किले से नजर आता है. गर्मियों की छुट्टियों में यहां लोग घूमने आते हैं. इस किले के बारे में बहुत सारी कहानियां प्रचलित हैं. ऐसा कहा जाता है कि सूरज ढलने के बाद यहां भूत प्रेत का वास हो जाता है. इसलिए लोग सूरज ढलने से पहले ही यहां से चले जाते हैं.

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