VIDEO: ऑफिस में चड्डी में घूमते हैं कर्मचारी, लैपटॉप पर देखते हैं पोर्न, महिला काउंसलर का आरोप, जमुई चाइल्ड हेल्पलाइन बना अश्लीलता का अड्डा!

जमुई चाइल्ड हेल्पलाइन कार्यालय (Jamui Child Helpline) से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक महिला काउंसलर ने अपने सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पूजा भारती नाम की इस महिला काउंसलर ने खुलासा किया है कि कार्यालय में उनके साथ काम करने वाले पुरुष कर्मचारी ऑफिस के लैपटॉप पर अश्लील वीडियो देखते हैं और चड्डी पहनकर कार्यालय में घूमते हैं.

अश्लीलता और अपमान का आरोप

पूजा भारती का आरोप है कि दिलखुश कुमार, मुन्ना कुमार, जितेंद्र कुमार और दीपक कुमार नाम के सहकर्मी कार्यालय में अश्लील वीडियो देखने के साथ-साथ उन्हें गालियां देते हैं और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर उनका अपमान करते हैं. उन्होंने बताया कि विरोध करने पर उन्हें "चमार जाति की" कहकर संबोधित किया जाता है और उनके निजी जीवन, खासकर तलाक की स्थिति को लेकर भी अभद्र टिप्पणियां की जाती हैं.

शिकायतों के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई

पूजा भारती ने बताया कि उन्होंने इन हरकतों की शिकायत एक बार नहीं, बल्कि कई बार की. उन्होंने जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक सूरज कुमार और सीपीओ बलवीर चंद से शिकायत की, लेकिन आरोप है कि कार्रवाई करने के बजाय उन्हें ही मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया गया. पूजा का कहना है कि पिछले छह महीने से वे न्याय के लिए कार्यालयों के चक्कर काट रही हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पास सीसीटीवी फुटेज के रूप में वीडियो सबूत भी हैं, जिसमें सहकर्मी कंप्यूटर पर पोर्न वीडियो देखते हुए दिख रहे हैं. ये सबूत अधिकारियों को सौंपे जा चुके हैं, फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई है.

बदनामी की साजिश और कानूनी लड़ाई

महिला काउंसलर ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर एक पत्र तैयार किया गया और उसे सोशल मीडिया, मोहल्ले और कार्यालय में फैला कर उन्हें बदनाम करने की साजिश रची गई. मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर पूजा भारती ने आत्महत्या तक करने की सोच ली थी, लेकिन परिवार का चेहरा सामने आने पर उन्होंने यह कदम नहीं उठाया.

न्याय के लिए पूजा भारती ने 20 नवंबर 2024 को एससी-एसटी थाने में एडीसीपी सूरज कुमार और सीपीओ बलवीर चांद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. इसके साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, नई दिल्ली में भी मामला दर्ज कराया है. उनका आरोप है कि प्रशासनिक रसूख के कारण अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

इस मामले पर एडीसीपी सूरज कुमार ने बताया कि उन्हें इस संबंध में एक आवेदन मिला था, जिसे संबंधित संस्था 'उर्मिला' को भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों को चेतावनी देकर छोड़ा गया है और भविष्य में किसी भी गलती पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं, सदर एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया कि एक साल पहले इस मामले में एससी-एसटी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसकी जांच अभी भी चल रही है.

यह मामला दिखाता है कि कैसे कार्यस्थल पर महिलाओं को दुर्व्यवहार और उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है, खासकर जब वे समाज के कमजोर वर्गों से आती हैं. पूजा भारती अब निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रही हैं ताकि कार्यालय का माहौल सुरक्षित बनाया जा सके और ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके.