यह जगन्नाथ मंदिर बारिश की करता है सटीक भविष्यवाणी, चिलचिलाती धूप में टपकने लगती है छत
भारत देश आस्था और संस्कृति का देश है. यहां लाखों मंदिर हैं जो हिंदू धर्म की सभ्यता से जुड़े हुए हैं, इन लाखों मंदिरों में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपने चमत्कार और रहस्यों के लिए जाने जाते हैं. ऐसा ही एक मंदिर है कानपूर का जगन्नाथ मंदिर है...
भारत देश आस्था और संस्कृति का देश है. यहां लाखों मंदिर हैं जो हिंदू धर्म की सभ्यता से जुड़े हुए हैं, इन लाखों मंदिरों में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपने चमत्कार और रहस्यों के लिए जाने जाते हैं. ऐसा ही एक मंदिर है कानपूर का जगन्नाथ मंदिर है. जो अपने चमत्कार के लिए जाना जाता है. ये मंदिर कानपुर के भीतरगांव विकासखंड से ठीक तीन किलोमीटर की दूरी पर बेहटा गांव में है. ये मंदिर बारिश की सटीक भविष्यवाणी करता है. जब बारिश होने वाली होती है तब इस मंदिर की छत से चिलचिलाती धूप में पानी टपकने लगता है और बारिश की शुरुआत होते ही इसकी छत से पानी टपकना बंद हो जाता है.
यहां आसपास में रहनेवाले लोगों का कहना है कि बारिश होने के कुछ दिन पहले ही मंदिर की छत टपकने लगती है. जिस आकार में बूंदें टपकती है उसी आधार पर बारिश होती है. मंदिर के इस रहस्य के बारे में लोग सोच-सोचकर हैरान है कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है, कि गर्मियों में मंदिर की छत टपकती है और बारिश में पूरी तरह से सूख जाती है. इसकी छत से पानी कैसे टपकता है और फिर कैसे बंद हो जाता है, इसका पता आज तक नहीं चल पाया है. यहां के पुजारी का कहना है कि पुरातत्व विभाग के लोग और वैज्ञानिक कई बार यहां आए, लेकिन इस रहस्य का पता नहीं लगा पाए.
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पुरातत्त्व विभाग सिर्फ इतना पता लगा पाए हैं कि, जगन्नाथ मंदिर का जीर्णोद्धार 11वीं सदी में किया गया था. मंदिर की बनावट किसी बौद्ध मठ की तरह है और इसकी दिवारें 14 फीट मोटी हैं. ऐसा अंदाजा लगाया जाता है कि इस मंदिर को सम्राट अशोक के काल में बनाया गया होगा.