नई दिल्ली: चीन (China) समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप जारी है. अकेले चीन में ही इसके संक्रमण से अब तक 630 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच एक वेब पोर्टल ने दावा किया है कि चीन ने कोरोनो वायरस को और फैलने से रोकने के लिए सभी संक्रमित मरीजों की सामूहिक हत्या (Mass Killing) की मंजूरी मांगी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इसके लिए बकायदा सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट की मंजूरी मांगी गई है.
वेबसाइट एबी-टीसी (सिटी न्यूज) ने दावा किया कि चीन ने अपनी शीर्ष अदालत को बताया कि 20,000 कोरोनो वायरस संक्रमित मरीज स्वास्थ्य कर्मचारियों की जान को खतरे में डाल रहे हैं. हर रोज कम से कम 10 स्वास्थ्य कर्मचारी जानलेवा कोरोनो वायरस की चपेट में आ रहे है. यह चीन की पूरी आबादी के सफाया का कारण बन सकता है. हरियाणा: चीन से आए भारतीय छात्र में कोरोनावायरस के लक्षण, निगरानी में रखा गया
हालांकि यह तथ्य गलत है. हकीकत कुछ और ही है. चीन ने कोरोनोवायरस के आगे प्रसार को रोकने के लिए ऐसा कोई अनुरोध किसी भी कोर्ट में नहीं किया है. चौंकाने वाले दावे करने वाले वेब पोर्टल ने यह फर्जी खबर डाली है. मालूम हो कि यह न्यूज़ वेबसाइट पहले भी गलत जानकारी देते हुए पकड़ी गई है. चूंकि चीन में बढ़ती मौत की आशंका से दुनियाभर में डर और दहशत का माहौल है, इसलिए कई लोग इस वेबसाइट के दावों पर भरोसा कर ले रहे है.
शिक्षाविद मधु पूर्णिमा किश्वर ने फर्जी खबर को सच मानकर किया ट्वीट-
30 जनवरी को एबी-टीसी वेबसाइट ने सिंगापुर में छह और नए कोरोना वायरस मामलें आने का दावा किया था. इसमें कहा गया था कि पांच सिंगापुर के नागरिक बिना चीन गए कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए. तब सिंगापुर सरकार ने रिपोर्ट को खारिज कर कहा था कि देश में सभी कोरोनो वायरस से संबंधित मामले चीनी नागरिकों के है और वो सभी वुहान शहर से लौटे थे.
उल्लेखनीय है कि चीन के हुबेई प्रांत में कोरोनावायरस संक्रमण के 2,447 नए मामलों की पुष्टि हुई है, साथ ही 69 और मौतें हुई हैं. हुबेई में गुरुवार तक कोरोनोवायरस संक्रमण के 22,112 मामलों की पुष्टि हुई, जिसमें 618 की मौत हुई है और 4,002 मामले गंभीर या बेहद गंभीर हैं. वहीं प्रांत में 817 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया.