Infosys के को-फाउंडर Narayana Murthy ने पत्नी सुधा मूर्ति के लिए बिना टिकट 11 घंटे की ट्रेन यात्रा के किस्से को किया याद

अपने एक हालिया इंटरव्यू में इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति को छोड़ने के लिए ट्रेन में 11 घंटे तक बिना टिकट यात्रा करने के किस्से का जिक्र किया.

नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति (Photo Credits: X)

इन्फोसिस (Infosys) के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति (Sudha Murty) को छोड़ने के लिए ट्रेन में 11 घंटे तक बिना टिकट यात्रा करने के किस्से का जिक्र किया. 77 वर्षीय बिजनेसमैन नारायण मूर्ति ने अपनी पत्नी के साथ सीएनबीसी-टीवी18 के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि उस उम्र में उनके हार्मोन किस तरह तेजी से बढ़ रहे थे. नारायण मूर्ति का यह इंटरव्यू अब वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने कहा कि उन दिनों मैं, जो भी हो, प्यार में था. खैर, मुझे वही कहना चाहिए जो किसी ने कहा है... आप जानते हैं मैं किस बारे में बात कर रहा हूं. हार्मोन सक्रिय हो रहे होंगे. आपको पता है यह कैसा है.

अपनी शादी की स्थायी प्रकृति पर जोर देते हुए मूर्ति ने कहा कि वह एक अलग उम्र है, लेकिन मैं लंबे समय से स्थायी शादी की बात कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि उस रिश्ते में मध्य भाग की सुंदरता तब होती है, जब आपके बच्चे होते हैं. दोनों भागीदारों को जो भी मसाला चाहिए, उसे जोकर रिश्ते को रोमांचक बनाना होगा. यह भी पढ़ें: 70 घंटे वाले बयान के बाद अब नारायण मूर्ति बोले- मैंने 85-90 घंटे काम किया, सुबह 6:20 बजे ऑफिस में होता था

उनका यह बयान चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी की जीवनी एन अनकॉमन लव: द अर्ली लाइफ ऑफ सुधा एंड नारायण मूर्ति (An Uncommon Love: The Early Life of Sudha and Narayana Murthy) के विमोचन के समय आई है. इस जीवनी में दिवाकरुनी ने उनके रिश्ते और उनके बच्चों, रोहन और अक्षता मूर्ति के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में लिखा.

पिछले साल मूर्ति ने बयान दिया था कि आईटी कर्मचारियों को सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए और उनकी इस टिप्पणी से देशव्यापी बहस छिड़ गई थी. दरअसल, 3one4 कैपिटल के पॉडकास्ट 'द रिकॉर्ड' के उद्घाटन एपिसोड में बोलते हुए, मूर्ति ने भारत की कार्य उत्पादकता को बदलने की तात्कालिकता पर जोर दिया था. उन्होंने तर्क दिया कि जब तक भारत के युवा अधिक कामकाजी घंटों के लिए प्रतिबद्ध नहीं होंगे, देश उन अर्थव्यवस्थाओं के साथ बराबरी करने के लिए संघर्ष करेगा, जिन्होंने पिछले कुछ दशकों में उल्लेखनीय प्रगति देखी है.

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